रेप पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा से माँगा न्याय
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा की ओमेक्स ग्रैंड हाउसिंग सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी प्रकरण के बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा सुर्खियों में हैं। उन्हें महिला अधिकारों के लिए जागरूक और जुझारू नेता के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन उन्हीं के संसदीय क्षेत्र की एक महिला ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। महिला का कहना है, "मैं रेप पीड़िता हूं और 6 वर्षों से न्याय मांगने के लिए दर दर की ठोकर खा रही हूं।" महिला ने सीधे आरोप लगाया है, "मेरे गुनहगार को सांसद डॉ.महेश शर्मा ने बचा रहे हैं। वही न्याय और गुनाहगार के बीच दीवार बनकर खड़े हुए हैं।" महिला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा से न्याय की मांग की है।
क्या हैं महिला के आरोप: यह महिला जेवर कस्बे की रहने वाली है। उसका कहना है, "मेरे साथ साल 2016 में भारतीय जनता पार्टी के नेता संजीव शर्मा ने रेप किया था। मैंने पुलिस से गुहार लगाई। उस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। संजीव शर्मा और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा कि रिश्ते बेहद घनिष्ठ हैं। डॉ.महेश शर्मा के यहां शादी-ब्याह से लेकर तमाम आयोजनों को संभालने की जिम्मेदारी संजीव शर्मा के पास होती है। जेवर में डॉ.महेश शर्मा का कैलाश अस्पताल संजीव शर्मा संभालते हैं। कैलाश अस्पताल में कभी भी संजीव शर्मा से जाकर मुलाकात की जा सकती है। एक तरह से यह अस्पताल संजीव शर्मा का कार्यालय है।"
महिला रक्षक हैं तो क्या मैं महिला नहीं?
महिला ने सीधे तौर पर आरोप लगाया, "मेरे साथ संजीव शर्मा ने एक बार नहीं पिस्टल की नोंक पर कई बार रेप किया है। जब उसने न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली लेकिन मुकदमे को रफा-दफा कर दिया।" महिला का आरोप है, "संजीव शर्मा को पुलिस ने बचाया। यह सबकुछ सांसद डॉ.महेश शर्मा की वजह से हुआ। महेश शर्मा ने संजीव शर्मा के पक्ष में अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल किया है।" महिला ने सवाल किया, "नोएडा में श्रीकांत त्यागी ने एक महिला के साथ गाली-गलौज किया। इस पर डॉ.महेश शर्मा ना केवल सोसाइटी में पहुंचे और श्रीकांत त्यागी के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस को मजबूर किया, बल्कि वह गुस्से में आपा तक खो बैठे।"
"मैंने तो सांसद से पल्ला फैलाकर न्याय मांगा था": पीड़ित कहती हैं, "सासंद जी को एक महिला के अपमान पर इतना गुस्सा आया, लेकिन मेरा सबकुछ चला गया उस पर डॉ.महेश शर्मा को दया नहीं आई। मैं गरीब महिला हूं। मैं भी किसी की बहन, बेटी, मां और पत्नी हूं। मैं भी तो एक वोटर हूं और भाजपा को ही वोट देती आई हूं। क्या डॉ.महेश शर्मा के लिए मेरी इज्जत मायने नहीं रखती?" आंखों में आंसू और रुंधे गले के साथ महिला ने कहा, "जब मैंने डॉक्टर महेश शर्मा के खास संजीव शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी तो मैंने डॉक्टर महेश शर्मा से भी गुहार लगाई थी। सांसद जेवर कस्बे के बलदाऊ जी मंदिर में आए थे। मैं उनसे जाकर मिली थी। मैंने अपना एक एप्लीकेशन उन्हें दिया था। उनसे पल्ला फैलाकर भीड़ के बीच न्याय की मांग की थी। सांसद ने मुझे आश्वासन दिया था कि कार्यवाही करवाएंगे। उन्होंने उस एप्लीकेशन पर और मेरी पीड़ा पर कोई कार्यवाही नहीं की। उल्टे मेरे खिलाफ पुलिस पर दबाव डालकर मेरा केस रफा-दफा करवा दिया।"
उस वक्त के पुलिस अफसरों पर भी गंभीर आरोप: महिला ने उस वक्त जेवर थाने में तैनात रहे एसएचओ और इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका दावा है कि तत्कालीन पुलिस अफसरों ने आरोपी संजीव शर्मा से लाखों रुपए रिश्वत में लिए। महिला ने आगे कहा, "इस वक्त उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। वह महिला सुरक्षा और रक्षा के लिए जाने जाते हैं। जिस तरह मैंने डॉ.महेश शर्मा को ओमेक्स ग्रैंड हाउसिंग सोसाइटी में एक महिला के सम्मान के लिए लड़ते हुए देखा उससे मुझे नई आशा मिली है। मुझे लगता है कि डॉ.महेश शर्मा मुझे जरूर न्याय दिलाएंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सांसद डॉ.महेश शर्मा से गुहार लगाती हूं कि मुझे न्याय दें।"
हमला हुआ, अलीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की: महिला ने कहा, "मेरे ऊपर लगातार मुकदमे में फैसला करने का दबाव बनाया जा रहा है। संजीव शर्मा कहता है कि अगर मैं मुकदमा वापस ले लूंगी तो उसका राजनीतिक कैरियर चमक जाएगा। इस मुकदमे की वजह से उसे बहुत नुकसान हो रहा है। मैं पिछले दिनों अलीगढ़ अपने मायके गई थी। वहां से वापस लौटते वक्त संजीव शर्मा और उसके साथियों ने मेरे ऊपर हमला किया। मैंने अलीगढ़ में खैर थाना पुलिस को शिकायत दी है। पिछले 3 महीनों से पुलिस मेरी शिकायत को ठंडे बस्ते में डालकर बैठी है। संजीव शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मेरी जान को खतरा बना हुआ है। संजीव शर्मा लगातार धमकियां देता है। उसका कहना है कि अगर मुकदमा वापस नहीं लिया तो तेरे बेटे को किसी मामले में फंसाकर जेल भिजवा दूंगा। फिर उसकी जिंदगी खराब हो जाएगी। मेरे बेटे की उम्र करीब 15 वर्ष है। मेरे पूरे परिवार को संजीव शर्मा से जीवन भय बना हुआ है।
डॉ.महेश शर्मा को 'ट्राईसिटी टुडे' की टीम ने फोन किया: महिला से जुड़े आरोपों पर पक्ष जानने के लिए गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया। उन्हें 'ट्राईसिटी टुडे' की टीम ने फोन किया। सांसद ने फोन रिसीव नहीं किया। उनकी आधिकारिक मेल आईडी पर पक्ष रखने के लिए सवाल भी भेजा गया है। जिसका प्रत्युत्तर अभी नहीं मिला है। हमें उनका प्रत्युत्तर मिलेगा तो उससे भी आपको अवगत कराएंगे।