रानी लक्ष्मीबाई जन्मोत्सव: 179 साल पहले जैसा सजकर तैयार हुआ झांसी का किला, आज पीएम मोदी करेंगे नमन

झांसी न्यूज़

Update: 2021-11-18 19:00 GMT

झांसी: 179 साल बाद एक बार फिर झांसी का किला ऐतिहासिक इबारत लिखने जा रहा है. महारानी लक्ष्मीबाई 1842 में झांसी राजपरिवार की बहू बनकर आईं थीं. महाराजा गंगाधर राव से उनका विवाह हुआ था तो झांसी के किले को भव्य रूप से सजाया संवारा गया था. इसके बाद एक बार फिर झांसी का किला दुल्हन की तरह सजाया गया है. 19 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिन पर उन्हें नमन करने खुद यहां आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झांसी आने के कार्यक्रम ने पहली बार महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव को राष्ट्रीय पर्व जैसा स्वरूप प्रदान किया है. इसे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व जलसा का नाम दिया गया है. जिस तरह महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने राज्य की रक्षा के लिए सबकुछ दांव पर लगाकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था, उसका उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेली वीर धरा से राष्ट्र को लेकर कोई बड़ा संदेश दे सकते हैं. प्रधानमंत्री यहां से बुंदेलखंड को 3425 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे.
इस पल के लिए झांसी की महारानी का किला भव्य तरीके से सजाया गया है. किले के मुख्य द्वार पर 200 साल पुरानी राजशाही सांस्कृतिक झलक दिखाई दे रही है. द्वार के रास्ते में भव्य तोरण द्वार बनाए गए हैं. यहां लंगाड़ा और रमतूला की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी है. महारानी लक्ष्मीबाई के किले के चारों तरफ दीवारों को सजा दिया गया है. यहां सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. सेना ने पूरी तरह से किले पर अपना सुरक्षा घेरा तैयार कर दिया है.


 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी के किले में करीब सवा 5 बजे पहुंच जाएंगे. वह किले में पहुंचकर महारानी लक्ष्मीबाई को नमन करेंगे. इसके बाद किले का भ्रमण करेंगे. लाइट एंड साउंड के जरिए महारानी लक्ष्मीबाई की जीवनगाथा से रूबरू होंगे. किले में उस स्थान को देखेंगे जहां से रानी ने 1857 के संग्राम में घोड़े पर सवार होकर छलांग लगाई थी.

किले के नीचे एक भव्य ग्रउंड तैयार किया गया है. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचकर संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में खास लोग ही मौजूद रहेंगे. जिला प्रशासन ने यहां 700 से 1 हजार लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की है. इसमें कोरोना गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा गया है.
महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव के मौके पर बुंदेली परंपरा की झलक भी देखने को मिलेगी. पीएम मोदी के दौरे के पहले से ही बुंदेलखंड के प्रमुख कलाकारों ने यहां पर पहुंचकर रिहर्सल शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी यहां होंगीं. इस मौके के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक पूरी श्रंखला तैयार की गई है.
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