राजेंद्र सिंह ने फर्जी नियुक्ति घोटाले मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर रखी एसआईटी जांच की मांग
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: बादलपुर के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में राधा कृष्ण एजेंसी के माध्यम से हुई नियुक्तियों की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है। राजेंद्र सिंह का कहना है कि राधा कृष्ण एजेंसी से की गई नियुक्तियों में सबसे अधिक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में बंदरबाट हुआ है। सीईओ के स्टाफ से लेकर अधिकारी और चपरासी तक ने अपने बेटा, नाती, भतीजे, बहू और रिश्तेदारों को नियुक्ति करवा दिया गया।
लिस्ट तैयार कर राधा कृष्ण एजेंसी को सौपी: उनका कहना है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ स्टाफ, एसीईओ पीए, चपरासी आदि अधिकारियों ने अपनों की लिस्ट तैयार कर राधा कृष्ण एजेंसी को सौप दी। एजेंसी ने लिस्ट तैयार कर उनके नाम पद समेत अथॉरिटी को भेज दिए। जबकि की गई इन भर्ती के लिए किसी न्यूज पेपर में कोई किसी तरह का विज्ञापन तक नही निकाला। किसी को भी कानो कान भनक तक नही लगने दी गई। इस भर्ती का पता तब चला जब इस एजेंसी से गुपचुप तरीके से भर्ती किए गए मैनेजर, चपरासी, पऋवाहक नौकरी पर विभागों में आने लगे।
बिजली विभाग में कराया नियुक्त: मजेदार बात यह है कि सीईओ कैंप में सबसे बडे अधिकारी के बेटे को पहले डीएमआईसी में नियुक्त कराया गया। लेकिन डीएमआईसी में अभी कोई मोटी कमाई नही हो रही है। मोटी कमाई नही हुई तो उनके बेटे को फिर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बिजली विभाग में नियुक्त कराया। नियुक्ति में वहीं हुआ जो सीईओ स्टाफ कैंप के बडे अधिकारी ने अपने बेटे के लिए चाहा। जबकि उक्त अधिकारी का बेटा बिजली विभाग में बिजली से संबंधित काम भी शायद जानता तक नही है। जबकि बिजली विभाग में उन अधिकारी और कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जाता है जो बिजली से संबंधित पढाई किए हुए हो, लेकिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का बिजली विभाग मलाईदार विभाग है।