पंजाब कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू, सीएम चन्नी समेत कई नेता मौजूद

राष्ट्रीय राजधानी स्थित 15 जीआरजी में पंजाब कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के लिए कई दिग्गज नेता पहुंचे हैं.

Update: 2021-12-22 17:09 GMT

राष्ट्रीय राजधानी स्थित 15 जीआरजी में पंजाब कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के लिए कई दिग्गज नेता पहुंचे हैं. इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस नेता अजय माकन, सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं. बीते दिन पंजाब के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों ने पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ उनके आवास पर बैठक की थी. बैठक में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पंजाब के एआईसीसी प्रभारी हरीश चौधरी मौजूद थे.

इधर, पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होने के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत की ''नाराजगी'' ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. रावत के करीब सूत्रों का दावा है कि वह पिछले कुछ महीनों से पार्टी के भीतर ही दरकिनार महसूस कर रहे हैं और यदि पार्टी आलाकमान ने दखल नहीं दिया और राज्य में कांग्रेस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो वह जल्द ही अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं.

हरीश रावत राजनीति से संन्यास लेने का ले सकते हैं फैसला
सूत्रों का यहां तक कहना है कि स्थितियों में सुधार नहीं होने पर 72 वर्षीय रावत ''राजनीति से संन्यास लेने तक का फैसला ले सकते हैं.'' उधर, रावत के इस रुख को लेकर कई बार प्रयास किए जाने के बावजूद कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे चेहरे माने जाते हैं और मौजूदा समय में वह राज्य में पार्टी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हैं. कुछ महीने पहले ही पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.
रावत के करीब एक नेता ने कहा, ''नया पीसीसी अध्यक्ष (गणेश गोदियाल) नियुक्त करने से पहले स्थानीय संगठन में सैकड़ों पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई. फिर चुनाव प्रचार अभियान को एक जगह केंद्रित कर दिया गया. टिकट के मामले भी वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करने की कोशिश हो रही है. वरिष्ठ नेताओं को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया. सवाल यह है कि अगर पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जाएगा तो फिर चुनाव कैसे जीता जाएगा?''
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीती थीं 77 सीटें
उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सूत्रों का कहना है कि रावत का यह रुख सिर्फ चुनाव से पहले टिकटों के संदर्भ में दबाव बनाने की रणनीति है और उम्मीद है कि वह पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे और चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. पिछले कई महीनों से पंजाब में कांग्रेस आपसी लड़ाई लड़ रही है. पार्टी में मचे घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था.
2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिरोमणि-बीजेपी सरकार को बाहर कर दिया था. आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. शिरोमणि अकाली दल केवल 15 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि बीजेपी को 3 सीटें मिलीं थीं.
Tags:    

Similar News

-->