ब्लैकहोल के गुणों को निर्धारित करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर और छात्रों ने खोजी सरल विधि
दिल्ली: ब्लैकहोल के रहस्य जानने के लिए भारत ने सफलता पायी है. जामिया मिलिया इस्लामिया के सैद्धांतिक भौतिकी केंद्र के प्रोफेसर प्रो. सुशांत घोष, अपने पीएचडी छात्रों और राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर यह खोज की है. ये सभी ब्लैक होल के मैद्धांतिक मॉडल विकसित करने और उनकी छाया का अनुकरण करने, ब्लैक होल के विभिन्न पहलुओं की जांच करने पर काम कर रहे हैं.
डॉ. राहुल वालिया के साथ, प्रो. घोष ने छाया अवलोकनों का उपयोग करके ब्लैक होल के गुणों को निर्धारित करने के लिए एक सरल विधि तैयार की है. इसके बहुत पास से गुजरने वाले एक पर्यवेक्षक के लिए एक ब्लैक होल कैसा दिखेगा और विभिन्न ब्लैक होल मॉडल की स्पष्ट छाया पर एक गहन विश्लेषणात्मक जांच भी की. वे अस्ट्रा कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं, जिन्हें ब्लैक होल का विकल्प माना जाता है.
प्रो. घोष ईएचटी द्वारा प्रकाशित किए जा रहे एक श्वेत पत्र के लेखकों में से हैं, "Tests of GR and the Kerr hypothesis with the ngEHT". वह पिछले तीन वर्षों से दुनिया के शीर्ष 2 फीसदी वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित सूची, करियर-लंबी और एकल वर्ष दोनों सूची में हैं. वैज्ञानिकों की वैश्विक सूची स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित की गई थी. यह साइटेशन, एच-इंडेक्स, को-ऑथरशिप, अलग-अलग आंथरशिप पोजीशन में पेपर्स के माइटेशन और एक कंपोजिट इंडिकेटर के बारे में जानकारी प्रदान करता है.