तिहाड़ जेल में मोबाइल बरामद होने के बाद कैदियों ने वार्डन की जमकर की पिटाई
दिल्ली क्राइम न्यूज़: तिहाड़ जेल में कैदियों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि अब वे जेल अफसरों पर हमला करने से भी पीछे नहीं हट रहे। ऐसे ही एक मामले में जेल के एक कैदी के पास जब मोबाइल फोन बरामद किया गया तो उसने ना केवल जेल के वॉर्डर को गालियां दीं, बल्कि अपने तीन अन्य कैदी साथियों के साथ वॉर्डर को जमीन पर गिराकर लात-घूसों से पीट डाला। वॉर्डर किसी तरह से अपनी जान बचाने में कामयाब रहा।
जेल सूत्रों ने बताया कि मामला कुछ दिन पहले तिहाड़ की जेल नंबर-8/9 का है, जहां चार विचाराधीन कैदियों ने मिलकर वॉर्डर रोहित के साथ मारपीट की। वॉर्डर रोहित को गुप्त सूचना मिली थी कि जेल के सेल नंबर-11 में बंद एक विचाराधीन कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। इसके पास काफी दिनों से मोबाइल फोन है। मिली सूचना पर काम करते हुए उस कैदी की तलाशी ली गई। उस वक्त यह कैदी अपने सेल से बाहर घूम रहा था। तलाशी में कैदी के अंडरवेयर से मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया। इसी बात से गुस्साए कैदी ने सबसे पहले जेल स्टाफ को धमकाते हुए कहा कि तेरी हिम्मत कैसे हो गई मेरा मोबाइल फोन लेने की। इसके बाद जब उस कैदी को उसके सेल में बंद करने ले जाया जा रहा था, तभी उसने और उसके तीन अन्य साथियों ने मिलकर वॉर्डर पर हमला कर दिया।
एक कैदी ने वॉर्डर को पीछे से पकड़कर इनके गले में चौक लगा दी। फिर वॉर्डर को जमीन पर गिराकर चारों कैदियों ने उन्हें बेरहमी से लात-घूसों से पीट डाला। किसी तरह से वॉर्डर ने गेट की ओर भागकर चारों कैदियों से अपनी जान बचाई। बाद में इसकी शिकायत जेल के अन्य आला अधिकारियों को दी गई। जेल के आला अधिकारी आए और मामले को संभाला। बताया जाता है कि इसके बाद चारों कैदियों को जेल नियम के अनुसार दंडित किया गया। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि इन दिनों जेल चलाना मुश्किल होता जा रहा है। कैदी इतने खूंखार होते जा रहे हैं कि वे जेल अधिकारियों की भी नहीं सुनते। आए दिन जेलों में झगड़े होते रहते हैं। पिछले दिनों जेल नंबर-3 में भी एक कैदी पर चाकू से हमला कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि अगर जेल में कानून-व्यवस्था को नहीं संभाला गया तो जेलों के अंदर कभी भी हालात खतरनाक हो सकते हैं।