राष्ट्रपति बाइडन की 15 देशों की बैठक में हुआ फैसला, चीन के वैकल्पिक सप्लाई चेन का रोडमैप होगा तैयार
कोरोना महामारी के बाद वैकल्पिक वैश्विक सप्लाई चेन का विकल्प बनाने में जुटे अमेरिका, भारत व दूसरे समान विचारधारा वाले देशों के बीच नीतिगत स्पष्टता आने लगी है।
नई दिल्ली, कोरोना महामारी के बाद वैकल्पिक वैश्विक सप्लाई चेन का विकल्प बनाने में जुटे अमेरिका, भारत व दूसरे समान विचारधारा वाले देशों के बीच नीतिगत स्पष्टता आने लगी है। जी-20 बैठक के दौरान रविवार को देर शाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अध्यक्षता में हुई 15 देशों के प्रमुखों की बैठक में बनी सहमति का सीधा मतलब यह है कि लोकतांत्रिक देशों का एक बड़ा समूह आने वाले दिनों में अपने औद्योगिक उत्पादन व कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भरता कम करेगा। ये देश जल्द ही आटोमोबाइल से लेकर इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों तक और जूतों से लेकर फर्नीचर तक के निर्माण में एक नई व्यवस्था लागू करेंगे। यह भारत के लिए आर्थिक तौर पर बड़ी संभावनाओं वाली व्यवस्था हो सकती है। यही वजह है कि इस बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने आश्वस्त किया है कि भारत वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार है।ग्लोबल सप्लाई चेन यानी वैश्विक स्तर पर तमाम तरह के औद्योगिक उत्पादों व सेवाओं के निर्माण में विभिन्न देशों की सहभागिता का सवाल कोरोना महामारी की शुरुआत से ही उठ खड़ा हुआ है। जिस तरह से पूरी दुनिया में लाकडाउन हुआ है उसकी वजह से उत्पादन व सेवाएं काफी प्रभावित हुई हैं। नए भू-राजनीतिक माहौल में भी चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक इस सप्लाई चेन में चीन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है और उसके आर्थिक विकास में इसका बड़ा योगदान है। चीन पर निर्भरता की वजह से अभी पूरी दुनिया में कई तरह के उत्पादों के निर्माण में परेशानी हो रही है क्योंकि चीन से उसके लिए कच्चे माल या कल-पुर्जों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।