नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिजिटल निजी डेटा संरक्षण(डीपीडीपी) विधेयक-2023 को संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद शनिवार को मंजूरी दे दी। यह विधेयक गत 09 अगस्त को राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया।इससे पहले लोकसभा ने 07 को ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया था। विधेयक का उद्देश्य डेटा को कानूनी रूप से संसाधित करने की आवश्यकता के साथ अपने डेटा को सुरक्षित रखने के व्यक्तियों के अधिकार को संतुलित करके डिजिटल व्यक्तिगत डेटा का प्रबंधन करना है।
विधेयक के अनुसार कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत डेटा को उनकी सहमति के आधार पर और कुछ वैध उपयोगों के लिए कानूनी उद्देश्य के लिए संसाधित कर सकता है। विधेयक में भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है। व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन की सूचना मिलने पर बोर्ड मामले की जांच करेगा और जुर्माना लगायेगा। बोर्ड जुर्माने की राशि का निर्धारण करते समय उल्लंघन की प्रकृति, गंभीरता और अवधि और उल्लंघन से प्रभावित व्यक्तिगत डेटा के स्वरुप पर गौर करेगा।
विधेयक में कहा गया है कि व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत डेटा में सुधार, पूर्णता, अद्यतन करने और मिटाने का अधिकार है, जिसके लिए उन्होंने पहले सहमति दी है। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि कानून का उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की रक्षा करना है। उन्होंने लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कहा था कि भारत के लगभग 90 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं तथा इस डिजिटल युग में लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए यह विधेयक लाया गया है।