दिल्ली में हर साल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित कराने की तैयारी, पर्यटन और फिल्म उद्योग विकसित होगा

Update: 2022-03-27 07:21 GMT

दिल्ली न्यूज़: दिल्ली को वैश्विक शूटिंग शहर के रूप में बढ़ावा देने के लिए आप सरकार अपनी फिल्म नीति के तहत हर साल एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित करेगी। सरकार ने अपने बजट में कहा है कि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शहर की समृद्ध संस्कृति और विविधता को बढ़ावा देगा। यह आयोजन इस वर्ष से हर साल किया जाएगा। दिल्ली फिल्म नीति की शुरुआत के साथ आप सरकार का लक्ष्य शहर को एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड के रूप में बढ़ावा देना है।

सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस फिल्म महोत्सव के माध्यम से दिल्ली की समृद्ध संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा। देशभर से फिल्म बिरादरी को महोत्सव में आमंत्रित किया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि फिल्म नीति दुनिया भर से फिल्म निर्माताओं को दिल्ली में आकर्षित करके पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक माहौल तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली फिल्म नीति और फिल्म महोत्सव के माध्यम से सरकार पर्यटन और कला और संस्कृति से जुड़े नए रोजगार और व्यापार के अवसर स्थापित करेगी। फिल्म नीति के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक पूरी तरह से ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस मैकेनि'म (ई-फिल्म क्लीयरेंस) है जो संबंधित 25 एजेंसियों को शामिल करते हुए सभी से स्वीकृति प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा कराएगा। सिसोदिया ने इसे लोगों के रोजगार से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस फिल्म नीति के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दिल्ली में नई स्थानीय प्रतिभाओं और कुशल युवाओं के लिए अवसर पैदा करेगी। उन्होंने कहा कि नीति दिल्ली में फिल्म क्षेत्र के लिए आवश्यक अत्यधिक कुशल कार्यबल तैयार करेगी। यह कार्यबल, जिसे हमारी सरकार द्वारा पेशेवर रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा, दिल्ली के प्रतिभाशाली युवाओं को छात्रवृत्ति प्रदान करेगा और इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करेगा।


दिल्ली सरकार का मानना है कि रेस्तरां उद्योग में एक मजबूत हिस्से के रूप में उभरते हुए दिल्ली में बढ़ती मांग के साथ क्लाउड किचन की संख्या हर साल 20 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है। वर्तमान में दिल्ली में 20,000 से अधिक क्लाउड किचन हैं जो करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 50,000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करते हैं। क्लाउड किचन उन सेक्टर्स में शामिल है, जो नाइट टाइम इकॉनमी को सपोर्ट करते हैं। राजस्व सृजन की एक बड़ी संभावना के साथ यह सेक्टर बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की नौकरियों के अवसर पैदा करता है। वृद्धि की अपार संभावनाओं को देखते हुए बजट 2022-23 में इस इंडस्ट्री की क्षमता को अधिकतम करने के लिए प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ इन क्लाउड किचन को भूमि प्रदान करने तथा लाइसेंस और नियमों की संख्या को सरकार आसान बनाने जा रही है। ये इंडस्ट्री अगले पांच साल के भीतर 42,000 नए रोजगार पैदा करने की क्षमता भी रखती है।


अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देने के लिए तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में निवेश करना आवश्यक है। रिटेल तथा फूड एंड बेवरेज सेक्टर इसका उदाहरण है जो 25 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ रहा है और इनमें उच्च आय वाली नौकरियों को उत्पन्न करने की क्षमता हैं। लेकिन रिटेल सेक्टर में दिल्ली में माल की भी भारी कमी है। यहां केवल 10-12 माल हैं। 20 लाख लोगों पर एक माल है। इससे यहां की नौकरियां और खरीददार एनसीआर की ओर रुख करते है। दिल्ली में प्रति 1000 आबादी पर माल स्पेस की उपलब्धता भी सबसे कम है। दिल्ली की तुलना में एनसीआर में ये स्पेस छह गुणा ज्यादा है। इसलिए दिल्ली में ग्रेड ए रिटेल और फूड हब विकसित किया जाएगा। ताकि आज लोग खरीददारी के जिस प्रीमियम अनुभव के लिए एनसीआर जाते हैं उन्हें दिल्ली में ही विश्वस्तरीय ब्रांड और रिटेल सुविधाएं मिल सके। इसके तहत बस डिपो और टर्मिनलों में उपलब्ध जमीन का उपयोग कर वहां ये हब विकसित किए जाएंगे क्योंकि ये दिल्ली के प्रमुख स्थानों तक आसान पहुंच और उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या वाले क्षेत्र हैं। ये ग्रेड ए स्पेस सभी आधुनिक तकनीकों के साथ तैयार किए जाएंगे जो दिल्ली को भारत में एक शानदार शॉपिंग व फूड हब के रूप में विकसित किया जाएगा।

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