अंतरराष्ट्रीय स्तर का वेटलैंड को जेवर एयरपोर्ट के पास बनाने की तैयारी, योगी सरकार ने दी मंजूरी

Update: 2022-06-09 13:57 GMT

नॉएडा न्यूज़: अब वह दिन दूर नहीं है, जब जेवर एयरपोर्ट के पास आपको तरह-तरह के पक्षी विचरण करते हुए दिखेंगे। भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के पास कोयल के कू-कू की आवाज और चिड़ियों की चहचहाहट सुनने को मिलेगी। दरअसल, जेवर एयरपोर्ट के पास 112.89 हेक्टेयर जमीन पर वेटलैंड बनेगा। इसको उत्तर प्रदेश सरकार और वन विभाग वर्ल्ड सेंचुरी के रूप में विकसित करेंगे। इसको उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसकी मांग करीब 2 साल पहले एक पर्यावरण प्रेमी ने की थी।

सेक्टर-16 में विकसित होगा: उत्तर प्रदेश शासन से मिली जानकारी के मुताबिक 25 हेक्टेयर जमीन यमुना अथॉरिटी ने अधिग्रहण करके वेटलैंड को सौंप दी है। इस वेटलैंड को रामसर साइड के नाम से भी जाना जाएगा। यह वेटलैंड नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-16 में विकसित होगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर का वेटलैंड बनेगा: फिलहाल जिले में सिर्फ ओखला पक्षी विहार है। अब जेवर एयरपोर्ट के पास भी पक्षी विहार विकसित होगा। यह जिले का ओखला के बाद दूसरा पक्षी विहार होगा। आपको बता दें कि धनोरी वेटमेंट को सारस का गढ़ कहा जाता है। क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा सारस पक्षी निवास करते हैं। वहीं, रामसर साइट घोषित होने के बाद धनोरी वेटलैंड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्हीं वेटलैंड को रामसर साइट घोषित किया जाता है। जहां पर पानी की उचित व्यवस्था अच्छा वातावरण और बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

क्या होता है रामसर: ईरान के शहर रामसर में 1971 में वेटलैंड पर सम्मेलन हुआ था। रामसर कन्वेंशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने से पहले वाइल्ड लाइफ, ईको सिस्टम समेत कई मानकों की जांच की जाती है। 160 देशों ने रामसर कन्वेंशन स्वीकार किया है। रामसर साइट में दर्ज होने से वेटलैंड को मिलने वाले बजट और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी बढ़ोतरी होती है।

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