पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दिल्ली में दंगो के लिए कराया था धन मुहैया

Update: 2022-07-15 05:18 GMT

दिल्ली न्यूज़: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने साल 2020 में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के साथ ही उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगा के लिए भी धन मुहैया कराया था। इसकी जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने मार्च 2020 में तत्कालीन पीएफआई के अध्यक्ष परवेज और सचिव इलियास को गिरफ्तार किया था। उस समय स्पेशल सेल ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन और पीएफआई के संबंधों की जांच करते हुए 12 मार्च 2020 को दोनों को गिरफ्तार किया था।

PFI के दानिश ने शाहीन बाग में बांटे थे रुपये: इससे पूर्व स्पेशल सेल ने जांच के दौरान पीएफआई के एक सदस्य दानिश अली को भी गिरफ्तार किया था। उस पर सीएए के खिलाफ शाहीन बाग सहित दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में चल रहे प्रदर्शनों के लिए लोगों में रुपये बांटने आरोप था। वह शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को खाना और पैसे बांटता था। जब उसे गिरफ्तार किया गया और पूछताछ की गई तो पुलिस को दिल्ली में प्रदर्शन की आड़ में सुनियोजित तरीके से पीएफआई द्वारा ही हिंसा फैलाने के लिए फंड उपलब्ध कराने की जानकारी मिली थी। दानिश सक्रिय रूप से उसमें शामिल था। वह पीएफआई की काउंटर इंटेलीजेंस टीम का सदस्य होने के साथ ही वह दिल्ली में होने वाले कार्यक्रमों में नजर रखता था कि कहां कौन से पुलिसकर्मी और आईबी के लोग जा रहे हैं। उसी ने पुलिस को पूरी साजिश के पीछे अध्यक्ष परवेज और सचिव इलियास के हाथ होने की जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार किया था।

पुलिस कर्मियों को टार्गेट कर करवाता था हमले: उस समय दानिश ने स्वीकार किया था कि वह प्रदर्शनों में संदिग्धों पर नजर रखता था। चारे वह पुलिसकर्मी हो या मीडिया के लोग। वह उन्हें टार्गेट किया करता था और योजना बनाकर अपने लोगों से उन पर हमले करवाया करता था। इसमें उसने कई बार पुलिस, आईबी और मीडिया के लोगों की पिटाई करवाई थी। दानिश ने ही हुए हिंसा के दौरान दिल्ली के बाहर से लोगों को बुलाया और उपद्रव कराए। सीएए के खिलाफ लोगों को भडक़ाने के लिए वह भडक़ाऊ साहित्य भी बांटता था। इसके तार आईबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या की साजिश से भी जुड़े मिले थे। 

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