मनीष गुप्ता हत्याकांड में पुलिसकर्मी को तिहाड़ जेल भेजा गया, 26 को दिल्ली कोर्ट में पेशी
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या करने वाले छह पुलिसकर्मियों को गोरखपुर से तिहाड़ जेल भेज दिया गया। गिरफ्तारी होने के बाद से ही सभी को गोरखपुर जेल के नेहरु बैरक में रखा गया था। 26 फरवरी को सीबीआइ की दिल्ली कोर्ट में सबकी पेशी होनी है। सात जनवरी 2022 को सीबीआइ ने हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत के खिलाफ लखनऊ की विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआइ ने अपनी जांच में सभी पुलिसकर्मियों को समान आशय से हत्या कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश करने का दोषी पाया था। सभी आरोपित पुलिसकर्मी गोरखपुर जेल में ही बंद थे। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी के प्रार्थना पत्र पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे का ट्रायल सीबीआइ की दिल्ली कोर्ट में करने का आदेश दिया है। आदेश के अनुपालन में दिल्ली की सीबीआइ कोर्ट ने चार्जशीट लखनऊ से तलब करते हुए मामले की सुनवाई शुरू कर दी है। विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपितों की कोर्ट में पेशी हुई थी।जिसके बाद कोर्ट ने आरोपितों को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था। जेलर प्रेम सागर शुक्ल ने बताया कि कोर्ट के सभी हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ जेल भेजा गया है।
क्या है पूरा मामला जानिये : दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए मनीष गुप्ता की रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर 2021 की रात में पुलिसकर्मियों ने पीटकर हत्या कर दी थी।29 सितंबर को इस मामले में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने पर तैनात रहे थाना प्रभारी जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।शासन के आदेश पर दो अक्टूबर से मामले की जांच कानपुर पुलिस की एसआइटी ने शुरू की।प्रदेश सरकार की सिफारिश पर दो नवंबर को सीबीआइ ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।जांच में सीबीआइ ने घटना से जुड़े सभी पहलुओं करते हुए 30 लोगों का बयान दर्ज किया।जिसमें पाया गया कि मनीष गुप्ता की मौत पुलिसकर्मियों की पिटाई से हुई थी।जिसके बाद सात जनवरी 2022 को विवेचक ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ लखनऊ की विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।