पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय इमीग्रेशन रैकेट का किया भंडाफोड़, जानिए पूरी खबर

Update: 2022-06-23 06:35 GMT

दिल्ली एनसीआर क्राइम न्यूज़: आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस की टीम ने एक अंतरराष्ट्रीय इमीग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े पति-पत्नी की जोड़ी को गिरफ्तार किया है। प्रवीण व प्रियंका नामक ये दोनों विदेश में रहने का सपना देखेने वालों को पोलैंड का रेजिडेंस वीजा उपलब्ध कराने का सब्जबाग दिखाकर ठगी को अंजाम दिया करता था। रुपये लेने के बाद उन्हे फर्जी वीजा धरा गायब हो जाते थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इनसे जुड़े एक अन्य आरोपी सरबजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 18 भारतीय पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड, छह मोबाइल, 7200 रुपये और सात चेक बुक बरामद किए गए। डीसीपी एयरपोर्ट तनु शर्मा के मुताबिक 15 जून को सरबजीत सिंह भारतीय पासपोर्ट और पोलिश रेजिडेंस वीजा के साथ आरोपी यात्री डिपार्चर क्लीयरेंस के लिए इमीग्रेशन के पास पहुंचा था। वह पेरिस जा रहा था। पर दस्तावेज की जांच के दौरान इमीग्रेशन जांच अधिकारी ने पाया कि वीजा पर यूवी फीचर्स नहीं थे। साथ ही उसमें कुछ स्पेशल फीचर भी नहीं थे जिससे पता चला कि यात्री द्वारा प्रस्तुत पोलैंड का रेजिडेंस वीजा फर्जी है। इसके बाद आरोपी के खिलाफ इमीग्रेशन की शिकायत पर धोखा देने की कोशिश का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया। पूछताछ के दौरान सरबजीत ने पुलिस को बताया कि वह पंजाब पुलिस में एएसआई जसवीर के संपर्क में आया था और उसने पोलैंड का रेजिडेंस वीजा बनवाने की बात कही। इसके लिए जसवीर ने 12 लाख रुपये की मांग की थी। उसने सरबजीत को बताया कि दिल्ली में प्रियंका व प्रवीण ये काम करते हैं। सरबजीत ने इस कार्य के लिए 12 लाख रुपये देने की हामी भर दी और 60 हजार रुपये बतौर एडवांस जसवीर को दे दिया। जसवीर ने सरबजीत को प्रियंका और प्रवीण से संपर्क करने को कहा। उसने बताया कि ये दोनों जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर में स्टाइल आफ फ्लाइंग स्टार ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी चलाते हैं। जसवीर ने सरबजीत के कागजात प्रवीण के वाट्सएप पर भेज दिया। इसके बाद प्रवीण व प्रियंका ने सरबजीत का कान्टीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट मुंबई से बनवाया और सरबजीत को भेज दिया। कुछ समय बाद यह सर्टीफिकेट प्रवीण ने सरबजीत से ले लिया और कहा कि पोलिश रेजिडेंश वीजा विशाल उर्फ पाजी नामक शख्स उसे देगा। कुछ समय तक जब वीजा नहीं मिला तो सरबजीत सीधे विशाल से बात करने लगा। बाद में वह नकली वीजा सरबजीत को उपलब्ध करा दिया और डील के मुताबिक पैसे विशाल को पोलैंड पहुंचने के बाद देने की बात तय हुई। सरबजीत के गिरफ्तार होने के बाद प्रवीण व प्रियंका अपने द्वारका स्थित किराए के घर से फरार हो गए। वे बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि ये पति-पत्नी जयपुर में हैं। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यूरोप के किसी भी देश का रेजिडेंस वीजा मिलने के बाद उन्हें इसका फायदा मिलता है। इस कारण लोग रेजिडेंट वीजा प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन कुछ असामाजिक तत्व लोगों को झांसा देकर ठगी का शिकार बना लेते हैं।

Tags:    

Similar News

-->