पुलिस ने कंपनी के अफसर पर जानलेवा हमला करने वाले 8 बदमाशों को किया गिरफ़्तार

Update: 2022-11-08 06:50 GMT

एनसीआर क्राइम न्यूज़: रेलवे हाउसिंग सोसाइटी में मारपीट करने वाले 8 बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि बीती देर रात को इनकी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। इनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन लोगों ने बीते 4 नवंबर की देर रात को रेल विहार हाउसिंग सोसायटी में एक कंपनी के अधिकारी के साथ मारपीट की थी। मारपीट करने के बाद एक सियाज गाड़ी में बैठकर फरार हो गए थे। जिस गाड़ी से सभी आरोपी फरार हुए थे, उसमें गाड़ी के अंदर लालबत्ती लगी हुई थी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि इसमें अधिकारियों और मंत्रियों के बेटे भी शामिल है।

क्या है पूरा मामला: मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरी घटना नोएडा के सेक्टर-58 कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सेक्टर-62 में स्थित रेल विहार हाउसिंग सोसायटी की है। इस सोसाइटी में एक नामी कंपनी का अधिकारी रहता है। यह घटना 4 नवंबर की देर रात करीब 12:00 बजे की है। पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि वह रात करीब 12:00 बजे अपने घर पर वापस लौट रहा था। उसी दौरान रेल विहार हाउसिंग सोसायटी के मेन गेट पर अज्ञात लोगों को सिक्योरिटी गार्ड्स लड़ते हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने उन लोगों से कहा कि आप बिना बात के सिक्योरिटी गार्ड से क्यों बहस कर रहे हो? जिसके बाद सिक्योरिटी गार्ड से बहस करने वाले लोग आग बबूला हो गए और पीड़ित के साथ मारपीट करने लगे। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि अज्ञात बदमाशों ने उनको बहुत बुरी तरह पीटा था। जिसकी वजह से उनके हाथ में भी चोट आई था। बदमाशों ने उनके ऊपर जानलेवा हमला किया था।

अधिकारी या मंत्री के बेटे तो नहीं?

इस घटना में एक कोई बड़ी बात यह है कि यह बदमाश अपने आप को छात्र कहते हैं और कानून के साथ उल्लंघन करते हैं। यह हरकत इस वीडियो में कैद हो गई है। मारपीट करने के बाद सभी बदमाश एक गाड़ी में भागते हुए नजर आ रहे हैं। जिस गाड़ी से भागते हुए नजर आ रहे हैं। उस गाड़ी पर लाल बत्ती लगी हुई है। इससे साफ पता चलता है कि इन लोगों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और नोएडा पुलिस केवल खेल है। इन लोगों के सामने पुलिस एक खेल बनी हुई है, जो खुलेआम कानून के नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। अब एक और बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब यह लोग अपनी गाड़ी पर लाल और नीली बत्ती लगाकर चलते हैं तो कोई इनको पकड़ता क्यों नहीं है? क्या यह किसी अधिकारी या मंत्री के रिश्तेदार और बेटे तो नहीं है?

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