नई दिल्ली: बिहार में हाल ही में हुई जहरीली शराब त्रासदी की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए याचिका का उल्लेख किया गया था। पीठ ने मामले का उल्लेख करने वाले अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक से कहा कि याचिकाकर्ता को मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजरना होगा।
दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश से पहले शीर्ष अदालत के लिए शुक्रवार अंतिम कार्य दिवस है। शीर्ष अदालत 2 जनवरी को फिर से खुलेगी। सारण जिले के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बिहार जहरीली शराब त्रासदी में दो और लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
सारण के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''जिले में संदिग्ध जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 (गुरुवार रात तक) हो गई है।'' डीएम ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस बीच, बिहार में विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को दबाने का आरोप लगाया।