फार्मेसी संशोधन विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित

Update: 2023-08-08 05:17 GMT

नयी दिल्ली- लोकसभा ने जम्मू कश्मीर के फार्मेसी पेशे से जुड़े लोगों को अवसर देने वाला फार्मेसी (संशोधन) विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री मनुसुख एल मंडाविया ने सोमवार को लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के युवाओं को वहां धाराा 370 हटने के बाद से अवसर मिल रहे हैं और युवाओं को रोजगार उपब्ध कराए जा रहे हैं। उनका कहना था कि पहले वहां युवाओं के हाथ में पत्थर होते थे लेकिन अब वहां के युवा रोजगार के अवसर के साथ आगे बढ रहे हैं।

वहां के युवाओं को एक राजनीतिक साजिश के तहत एक दाये में बंद करके रखा गया था। वहां के कुछ राजनीतिक परिवारों ने अपनी राजनीति के निहतार्थ जम्मू कश्मीर को खुले में जीने का अवसर नहीं दिया लेकिन इस धारा के हटाने के बाद से वहां लोगों के लिए अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

फार्मेसी अधिनियम 1948 में संशोधन करने वाला यह विधेयक गत तीन अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। यह विधेयक फार्मेसी की प्रेक्टिस और फार्मेसी पेशे को विनयमित करता है। विधेयक जम्मू कश्मीर के युवाओं को फार्मेसी पेशे के लिए पंजीकरण का अवसर उपलब्ध कराता है। फार्मेसी अधिनियम 1948 के तहत प्रेक्टिस के लिए पंजीकरण अनिवार्य है और यह विधेयक निर्दिष्ट करता है कि जो कोई जम्मू कश्मीर फार्मेसी अधिनियम 2011 के तहत फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकृत है या 2011 अधिनियम के तहत निर्धारित योग्यता रखता है, उसे फार्मेसी अधिनियम 1948 के तहत फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकृत माना जाएगा। यह सुविधा संशोधन लागू होने के एक वर्ष के भीतर पंजीकरण के लिए निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा करने व्यक्ति पर लागू होगा।

श्री मांडविया ने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात अब सुधर गये हैं और इन सुधरे हालातों में यह विधेयक वहां के लोगों को एक और अवसर उपलब्ध कराता है। पहले वहां के लिए एफडीआई की बात नहीं होती थी लेकिन अब विदेशी कंपनियां वहां निवेश के लिए आ रहे हैं। पहले ढांचागत विकास बाधाओं के कारण नहीं हो पा रहे थे लेकिन अब हालात बदल गये हैं और जम्मू कश्मीर की स्थिति में आमचूल परिवर्तन आया है। राजमार्ग बन गये हैं। पहले वहां के लोग भी काम पर निकलने के लिए डरते थे। वहां लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती थी लेकिन जब से 370 धारा हटी और वहां केंद्र सरकार के सारे नियम लागू हुए वहां लोगों को सुविधाएं मिल रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आयुष्मान योजना के तहत वहां इलाज हो रहे हैं और आपरेशन हो रहा है।पहले वहां आपरेशन नहीं होते थे। दूर दराज के पहाडी क्षेत्रों में बसने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती थी। वहां जम्मू में तथा श्रीनगर में एम्स का निर्माण हो रहा है। जिला स्तर पर सरकारी अस्पतालों में लोगों को चिकित्सा की सुविधा मिल रही है। जिला स्तर पर बीमारियों की जांच पड़ताल की व्यवस्था की गई है। पहाडी किसान को उसके घर के नजदीक चिकित्सा सुविधा मिल रही है। मजदूर को, किसान को अब अपने घर के नजदीक ही चिकित्सा सुविधा मिल रही है और स्वास्थ्य केंद्र अच्छा काम कर रहे हैं।

उन्होंने हेल्थ एंड वेल सेंटर पर गया तो देखा के वहां पीजीआई चंडीगढ के विशेषज्ञ दूरस्था चिकित्सा से सलाह दे रहे थे। सवाल है कि यदि यह सुविधा वहां नहीं होती तो इसके लिए उस व्यक्ति को दिल्ली एम्स लाना पड़ता लेकिन यह सुविधा आज वहां के सभी लोगों को मिल रही है। वहां के युवा आगे बढ रहे हैं और बदलते जम्मू कश्मीर में सुविधाएं बढ रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक जम्मू और कश्मीर के युवाओं को अवसर देने का है और इसके तहत एक साल में जो बच्चे रजिस्ट्रेशन करेंगे उन्हें इस विधेयक के कानून बनने के बाद अवसर मिलेगा।

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