दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के खिलाफ याचिका, जनवरी तक के लिए सुनवाई टली

सुप्रीम कोर्ट खबर

Update: 2021-12-07 17:20 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को किसानों द्वारा बाधित दिल्ली-एनसीआर सीमा के खिलाफ नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि बदली परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें निर्देश लाने के लिए कुछ समय दिया जाए। मेहता ने पीठ से मामले की सुनवाई स्थगित करने की गुहार लगाई।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक के लिए टाल दिया। मालूम हो कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमाओं पर सड़क पर बैठे हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने अब तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है।
मोनिका अग्रवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि लगातार सड़क अवरुद्ध होने और विरोध प्रदर्शन के कारण उसे नोएडा से दिल्ली की यात्रा करने में 20 मिनट के बजाय लगभग दो घंटे लग रहे हैं। एक आईटी कंपनी में काम करने वाली मोनिका ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें काम के लिए दिल्ली और नोएडा के बीच आने-जाने की जरूरत है लेकिन यात्रा का समय उनके लिए एक बुरा सपना बन गया है।
गत 30 सितंबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि सड़कों पर हमेशा के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा सड़क की नाकेबंदी को हटाने के लिए क्या कर रही है?
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