अभिभाषण का बहिष्कार कर विरोधी दलों ने राष्ट्रपति की मर्यादा और संसदीय परंपरा का किया अपमान - भाजपा
नई दिल्ली (आईएएनएस)| आम आदमी पार्टी और टीआरएस (बीआरएस) द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार को राष्ट्रपति की मर्यादा और संसदीय परंपरा का अपमान बताते हुए भाजपा ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के बयान की भी आलोचना की है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश के लिए बहुत ही ऐतिहासिक अवसर था, जब भारत की सुयोग्य प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र की शुरूआत में अपना अभिभाषण पढ़ा, लेकिन यह बहुत ही पीड़ा की बात है कि इतने महत्वपूर्ण अवसर पर आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने उनके अभिभाषण का बहिष्कार किया।
प्रसाद ने इसे भारत के राष्ट्रपति की मयार्दा के साथ-साथ देश की संसदीय परंपरा और मर्यादा का भी अपमान बताते हुए पूछा कि इन दलों ने बहिष्कार क्यों किया?
भाजपा नेता ने इसे पीड़ाजनक और निंदनीय बताते हुए जमकर इसकी भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि उनके बीच में विरोध तो होंगे लेकिन विरोध का कुछ स्तर और मर्यादा तो रखनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि जिस सरकार में वो मंत्री थे, उस सरकार (यूपीए सरकार) में राष्ट्रपति का अभिभाषण कैसे होता था ? आज जिन कुछ राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार बची है, वहां अभिभाषण कैसे होता है, सरकार ही तैयार करती है।
प्रसाद ने विरोधी दलों के रवैये पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि क्या विरोधी दल देश की राजनीति में विरोध के लिए सारी संवैधानिक मर्यादा को तार तार कर देंगे।
राष्ट्रपति के अभिभाषण को सच बताते हुए प्रसाद ने कहा कि इसमें सरकार की उपलब्धियां ही होती है और इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि इस पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्षी दल जितने चाहे सवाल उठा सकते हैं और सरकार उसका प्रभावी जवाब भी देगी तो अभी बहिष्कार क्यों किया गया?
--आईएएनएस