फिल्म सिटी में ड्रीम प्रोजेक्ट को बनाने के निकाले गए टेंडर में सिर्फ एक कंपनी आई सामने, 4 जुलाई के बाद फैसला होगा

Update: 2022-07-02 08:43 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़:यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में विकसित होने वाली फिल्म सिटी के लिए निकाले गए टेंडर में सिर्फ एक कंपनी ने टेंडर डाला है। अब 4 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे। नियमों के मुताबिक एक हजार करोड़ से अधिक की परियोजना में एक टेंडर आने पर भी काम दिया जा सकता है, लेकिन इसकी अनुमति प्रदेश कैबिनेट देगी।

ग्लोबल टेंडर निकाले थे: यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित की जानी है। फिल्म सिटी को तीन चरणों में विकसित किया जाना है। यमुना प्राधिकरण विकासकर्ता कंपनी की तलाश के लिए ग्लोबल टेंडर निकाले थे। जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून थी। फॉक्स स्टूडियो, कंसोर्सियम में शामिल यूनिवर्सल स्टूडियो, एलएंडटी समेत चार कंपनियों ने टेंडर खरीदे थे, लेकिन एक ही कंपनी ने टेंडर जमा किए हैं। अब चार जुलाई को तकनीकी निविदा खोली जाएगी।

4 जुलाई के बाद फैसला होगा: तीन टेंडर आने पर ही काम का आवंटन होता है, लेकिन नियमों के मुताबिक एक हजार करोड़ से अधिक की परियोजना में एक ही टेंडर पर काम दिया जा सकता है। यह अनुमति प्रदेश की कैबिनेट देती है। अब 4 जुलाई के बाद इस पर फैसला होगा।

फिल्म सिटी के किस चरण में क्या बनेगा: पहला चरण : फिल्म सिटी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में फिल्म निर्माण से जुड़ी गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। इसके तहत फिल्म स्टूडियो, खुला एरिया, एम्यूजमेंट पार्क और विला आदि विकसित किए जाएंगे। करीब 120 एकड़ में एम्यूजमेंट पार्क, 20-20 एकड़ में फिल्म स्टूडियो बनेंगे। पहले चरण के 80 प्रतिशत हिस्से में केवल फिल्म से जुड़े निर्माण कार्य किए जाएंगे। ताकि पहला चरण पूरा होते ही फिल्म की शूटिंग शुरू हो सके।

दूसरा चरण : फिल्म सिटी के दूसरे चरण में हास्पिटॉलिटी, रिजॉर्ट और व्यावसायिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। ताकि शूटिंग में आने वाले लोगों को सहूलियत मिलें। फ़िल्म सिटी में नामचीन फाइव स्टार होटलों और अस्पताल को भी जगह मिलेगी। साथ ही फिल्म उद्योग से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा मिले।

तीसरा चरण : तीसरे और अंतिम चरण में रिटेल डेवलपमेंट होगा। इस चरण में बचे हुए सारे काम किए जाएंगे।

केवल स्टोरी आएगी और फिल्म बनकर जाएगी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि यमुना फिल्म सिटी एक मुकम्मल फिल्म उद्योग का स्वरूप हासिल करे। कोई कहानीकार, निर्देशक या निर्माता केवल कहानी लेकर आए और फिल्म लेकर वापस जाए। शूटिंग, रिकॉर्डिंग, डबिंग, निर्माण, एडिटिंग, वीएफएक्स, ग्राफिक और कलर करेक्शन से लेकर मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन तक यमुना फिल्म सिटी से होना चाहिए। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह फिल्म सिटी उत्तर प्रदेश के टूरिज्म, कल्चर और इतिहास को नया रूप देगी। इससे ना केवल निवेश और नौकरियां मिलेंगी बल्कि उत्तर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को भी विश्व पटल पर रखने के अवसर मिलेंगे।

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