दिल्ली न्यूज़: निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र- 2023-24 में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में दाखिले के लिए बृहस्पतिवार से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई। कोरोना महामारी के बाद से अधिकतर स्कूल ऑनलाइन फॉर्म लेने व भरने का विकल्प दे रहे हैं। इस कारण से स्कूलों में अभिभावकों की भीड़ कम रही। हालांकि, कुछ स्कूलों ने ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों मोड में फॉर्म लेने व भरने की सुविधा दी है। वहीं, पांच सौ से अधिक निजी स्कूलों ने दाखिला मानक जारी नहीं किए। इस कारण से अभिभावकों को उन स्कूलों के फॉर्म भरने में परेशानी हुई।
1700 स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया के पहले दिन रफ्तार नहीं पकड़ी। अभिभावकों ने आवेदन फॉर्म भरने से पहले स्कूलों और उनके मानकों के संबंध में जानकारी हासिल की। दाखिले के लिए अभी आवेदन फॉर्म 23 दिसंबर तक भरे जा सकते हैं। प्रकिया संपन्न होने के बाद दाखिले की पहली सूची 20 जनवरी को जारी की जाएगी। मयूर विहार स्थित विद्या बाल भवन स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. सतबीर के अनुसार फॉर्म भरने के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों ही माध्यम उपलब्ध कराए हैं। पहले दिन करीब 45 पंजीकरण हुए, इनमें से नौ ऑनलाइन व 36 ऑफलाइन माध्यम से हुए। अभिभावक फॉर्म भरने में जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। अगले सप्ताह तक दाखिला फॉर्म भरने में तेजी आ जाएगी। रोहिणी के सेक्टर पांच स्थित माउंट आबू स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने बताया कि हमने ऑफलाइन व ऑनलाइन फॉर्म का विकल्प उपलब्ध कराया है लेकिन बीते कुछ सालों में यह ट्रेंड है कि अभिभावक सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म भरने को ही प्राथमिकता देते हैं।
पहले दिन 150 पंजीकरण: पहले दिन दाखिले के लिए करीब 150 पंजीकरण हुए। उम्मीद है जैसे-जैसे प्रक्रिया आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे दाखिले की रफ्तार बढ़ती जाएगी। अभी अभिभावक मानकों को देख व समझ रहे हैं। इसके बाद ही दाखिले के लिए आवेदन करेंगे।
25-30 स्कूलों में फॉर्म भरने का लक्ष्य: उत्तरी दिल्ली में रहने वाली अस्मिता कहती हैं कि उन्होंने बच्चे के दाखिले के लिए 25-30 स्कूलों में फॉर्म भरने का लक्ष्य रखा है। अभी उन्होंने एक से दो स्कूलों के फॉर्म को ही देखा है। अभी समय है लिहाजा वह जल्द से जल्द इस लक्ष्य को पूरा कर लेंगी।
513 स्कूलों ने अब तक अपलोड नहीं किए दाखिला मानक: शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को 28 नवंबर तक दाखिला मानक अपलोड करने के लिए कहा था। लेकिन 1728 स्कूलों में से करीब 513 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंंने अभी तक मानक अपलोड नहीं किए हैं। इन स्कूलों के मानक अपलोड नहीं होने के कारण अभिभावकों को इनके मानकों का पता नहीं चल पा रहा है। जब तक मानक अपलोड नहीं होंगे तब तक वह फॉर्म भी नहीं भर पाएंगे।