पानीपत | हरियाणा में जहां सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं मुख्यमंत्री के विभाग हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की सैकड़ों करोड़ की बेशकीमती जमीन को भू-माफिया, तहसील कार्यालय और हुड्डा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से रेनू तनेजा, सुरेंद्र, सुषमा कक्कड़, शोभा, रविंदर, संजीव आदि के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवा दिए गए। यह बात जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान कही।
स्वामी ने बताया कि 15 जून 2023 को भूमि अर्जन अधिकारी से मांगी गई आरटीआई में मिले जवाब में स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि सेक्टर 6 जीटी रोड पर खसरा नंबर 720 के अंदर केवल 12 बिस्वा भूमि ही अनअर्जित बाकी कोई भी जमीन किसी को अनअर्जित या रिलीज नहीं है। जिसको लेकर दिनांक 27 मई 2022 को भूमि अर्जन अधिकारी रोहतक द्वारा तहसीलदार पानीपत को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से हिदायत दी गई थी कि खसरा नंबर 720 में केवल 12 बिस्वा भूमि ही अनअर्जित है। बाकी कोई भी भूमि किसी के नाम रिलीज या अनअर्जित नहीं है। इसमें किसी भी प्रकार की रिलीज संबंधित कोई पत्र आपके कार्यालय में पहुंचा हो तो उसे निरस्त समझा जावे और किसी भी प्रकार के इस खसरे में कोई इंतकाल हुए हो तो उनको भी खारिज किया जाए। जिसकी रिपोर्ट रोजनामचा और जमाबंदी में दर्ज कराई गई लेकिन इसके बावजूद भू माफियाओं के साथ मिलीभगत करके तहसीलदार और पटवारी द्वारा हुड्डा विभाग पानीपत और पंचकूला के फर्जी पत्र तथा सिविल सूट 661//08 जिसमें केवल वीरेश मोहन की 12 बिस्वा भूमि के संबंधित फैसला है। उसका हवाला देकर सरकार की हजारों गज जमीन को जो लगभग 450 करोड़ के करीब कीमत बनती है उसको हड़प लिया गया।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस 450 करोड़ के फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में धोखाधड़ी जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी भूमि की रजिस्ट्री करवाने वालों के साथ पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए जाएं और जिला राजस्व अधिकारी द्वारा जारी पत्र की भी जांच होनी चाहिए।