ओम बिरला : देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक कोविंद का सफर लोकतंत्र की प्रेरक उपलब्धि

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक कोविंद का सफर लोकतंत्र की प्रेरक उपलब्धि

Update: 2022-07-23 16:49 GMT

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से लेकर भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का सफर देश के लोकतंत्र की अद्भुत और प्रेरक उपलब्धि है.निवर्तमान राष्ट्रपति के लिए संसद सदस्यों की ओर से आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि राजनीतिक निष्पक्षता के लिए कोविंद की प्रतिबद्धता और राष्ट्रपति भवन को नागरिकों की पहुंच के दायरे में लाना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा.

समारोह के दौरान, संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण उनकी दूरदृष्टि, राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों की गहरी समझ और उनके समाधान के प्रति उनकी स्पष्ट विचार प्रक्रिया को दर्शाता है. बिरला ने कहा कि सांसदों को उनके संबोधन ने सभी राजनीतिक दलों को समान रूप से प्रेरित किया. इसलिए कोविंद को सभी दलों के नेताओं का पूरा समर्थन मिला और सभी सांसद उन्हें संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों के संरक्षक के रूप में देखते हैं. उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद में विदाई समारोह में उपस्थित थे.
बिरला ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद की जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है. उन्होंने कहा 'राष्ट्रपति जी' ने राष्ट्रहित और जन कल्याण के लिए अपने प्रयासों से साबित कर दिया है कि वह एक संवेदनशील लोक सेवक हैं. इस अवसर पर निवर्तमान राष्ट्रपति को एक हस्ताक्षर पुस्तिका भेंट की गई.


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