दिल्ली :संसद की कार्यवाही मंगलवार से नए संसद भवन में शुरू हो गई है और अब पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' का नया नाम दे दिया गया है। लोकसभा सचिवालय ने पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' का नया नाम देने को लेकर अधिसूचना जारी करते हुए कहा, "लोकसभा अध्यक्ष, भूखंड संख्या 116, नई दिल्ली में स्थित भवन, जिसे पहले संसद भवन कहा जाता था और जिसके उत्तर-पश्चिम में लोकसभा मार्ग और दक्षिण-पश्चिम में राज्यसभा मार्ग है, को आज से 'संविधान सदन' के रूप अधिसूचित करते हैं।"
आपको बता दें कि मंगलवार को दिन में सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से पुराने संसद भवन की गरिमा और महत्व को बरकरार रखने का अनुरोध करते हुए यह नाम रखने का सुझाव दिया था। दोपहर में नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन सदन का संचालन करते समय लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदन को सूचित किया कि पुराने संसद भवन को अब 'संविधान सदन' के रूप में जाना जाएगा और बाद में लोकसभा सचिवालय ने महासचिव उत्पल कुमार सिंह के हस्ताक्षर से नए नाम को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (19 सितंबर) को नए संसद भवन में अपने संबोधन के दौरान पुरानी पार्लियामेंट को संविधान सदन के तौर पर पहचाने जाने का प्रस्ताव रखा था. मंगलवार की देर रात लोकसभा सचिवालय की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई. संसद की पुरानी बिल्डिंग को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा. महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'आज फिर एक नए इतिहास का सृजन लोकसभा में हुआ. आज महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, कल उस पर चर्चा होगी. देश की बहनों-बेटियों के कल्याण और विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उठाया गया यह एक बड़ा कदम है.'
मल्लिकार्जुन खरगे ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, 'महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है. 2010 में राज्यसभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था. राजनीति में जिस प्रकार SC-ST वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार OBC वर्ग की महिलाओं समेत सभी को इस विधयेक से समान मौका मिलना चाहिए. आज जो मोदी सरकार विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है. विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि ये Decadal Census और Delimitation के बाद ही लागू किया जाएगा. इसका मतलब, मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं.भाजपा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.