पीएफआई मामले में आपत्तिजनक चीजें बरामद,एनआईए ने 3 राज्यों में 25 जगहों पर की छापेमारी

Update: 2023-05-31 16:29 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की साजिश, आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए अपने कैडरों और सदस्यों को कट्टरपंथी बनाने और प्रशिक्षित करने के सिलसिले में तीन राज्यों में 25 ठिकानों पर छापेमारी की। एनआईए अधिकारी ने कहा कि बिहार के कटिहार जिले, दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के शिमोगा जिले, केरल के कासरगोड, मलप्पुरम, कोझिकोड और तिरुवनंतपुरम जिले में संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई।

अधिकारी ने कहा कि छापे के दौरान मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, सिम कार्ड, पेन ड्राइव, डेटा कार्ड, आपत्तिजनक दस्तावेज और प्रतिबंधित संगठन से संबंधित सामग्री सहित कई डिजिटल उपकरण के साथ 17,50,100 रुपये मूल्य की भारतीय मुद्रा भी जब्त की गई है। एनआईए ने कहा कि मामले की जांच के दौरान अब तक कुल 85 ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है।

अधिकारी ने कहा, "एक गुप्त सूचना के आधार पर बिहार पुलिस ने 11 जुलाई, 2022 को अतहर परवेज के किराए के मकान पर छापा मारा था और पीएफआई से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें 'भारत 2047 में इस्लामी भारत के शासन की ओर' शीर्षक वाला एक दस्तावेज भी शामिल था। इस सिलसिले में अतहर परवेज को मोहम्मद जलालुद्दीन खान, अरमान मलिक उर्फ इम्तियाज अनवरा और नूरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नूरुद्दीन के साथ गिरफ्तार किया गया था।" एनआईए के अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने सात जनवरी 2023 को सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

बाद में पीएफआई की गैर-कानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और पीएफआई सदस्यों/आरोपी व्यक्तियों को विदेशों से अवैध धन भेजने के मामले में दस और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए ने जांच के दौरान यह भी पाया कि पीएफआई से जुड़े होने के संदेह वाले व्यक्तियों द्वारा लोकप्रिय वीडियो प्लेटफॉर्म पर कई चैनल चलाए जा रहे थे। ये चैनल भारत में सांप्रदायिक हिंसा और आतंक भड़काने के उद्देश्य से सामग्री वितरित कर रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय संपर्क वाले संदिग्ध लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पीएफआई की विचारधारा के प्रचार में भी शामिल थे।

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