एनटीसीए रिपोर्ट : 2021 में हुई 126 बाघों की मौत, मध्य प्रदेश के आंकड़े सबसे ज्यादा, जांच जारी

देश में 2021 के दौरान 126 बाघों की मौत हो गई।

Update: 2021-12-31 02:23 GMT

नई दिल्ली,  देश में 2021 के दौरान 126 बाघों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई एक बाघ की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बुधवार को एक बाघ मृत पाया गया था, जिससे राज्य में इस साल मरने वाले बाघों की संख्या 44 हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन पहले राज्य के डिंडोरी इलाके में कथित तौर पर जहर खाने से एक बाघिन की मौत हो गई थी। एनटीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि 2021 में बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि हुई है। बाघों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं जिनमें गश्त करना और अवैध शिकार के लिए लोगों को गिरफ्तार करना शामिल है। अधिकारी ने कहा कि मौत के कई कारण हो सकते हैं, क्योंकि बाघों की आबादी बहुत अधिक है और कारणों का पता लगाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि बाघ की मौत राज्य के साथ-साथ एनटीसीए की जांच के दायरे में है। उन्होंने मध्य प्रदेश के डिंडोरी में बाघिन की मौत जहर के कारण होने की खबरों को भी खारिज कर दिया।
अधिकारी ने कहा, 'बाघों को बचाने की प्रक्रिया जारी है- जैसे गश्त जारी है और बहुत से लोगों को अवैध शिकार के लिए गिरफ्तार भी किया गया है। हम बाघों की रक्षा के लिए सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए कि उनमें से लगभग 30 फीसद बाघ अभयारण्य से बाहर हैं।' एनटीसीए के मुताबिक, इस साल सबसे ज्यादा 44 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई। महाराष्ट्र में 26 और कर्नाटक में 14 बाघों की मौत हुई है।
बाघों की आबादी पर पर्यावरण मंत्रालय की सफाई
पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश में बाघों की आबादी को खराब स्थिति से बेहतर होने की राह पर लाया गया है। यह बात प्रत्येक चार वर्ष में आने वाली अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट से भी पता चलती है। इसमें बाघों की छह प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दिखाई गई है। मंत्रालय का यह बयान मध्य प्रदेश में हाल में हुई बाघों की मौत के बाद आया है। मंत्रालय ने कहा कि मीडिया देश को उपरोक्त तथ्यों से अवगत कराएगा ताकि कोई सनसनी नहीं फैले।
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