अब सावन की झड़ी नहीं; जलवायु परिवर्तन से बारिश का पैटर्न बदला
बारिश का पैटर्न बदला
देश में सबसे ज्यादा बारिश वाले मौसिनराम, चेरापूंजी में भी सावन में बारिश अब ब्रेक लेने लगी है। सावन की झड़ी मानो बंद सी हो गई है। इसकी जगह बारिश का नया पैटर्न देखने को मिल रहा है। कहीं एक दिन में पूरे महीने का पानी बरस रहा है तो कहीं 5 दिन में सिर्फ 10 मिमी ही बारिश हो रही।
मौसम पैटर्न में हुए इस बदलाव पर भोपाल के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पंकज कुमार ने एक स्टडी की है। यह बताती है कि जलवायु परिवर्तन और मौसमी घटनाओं के साथ बारिश ने अपनी आदतें बदली हैं। इसकी वजह है- जीवाश्म ईंधन से वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ना। इससे समुद्री जल तेजी से वाष्पीकृत हो रहा है।
परिणामस्वरूप वायुमंडल में ज्यादा पानी की रासायनिक गतिविधि हो रही है। इससे ज्यादा बादल बनते हैं और एकाएक तेज बारिश होती है। यही वजह है कि इस बार पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाकों में भी बादल फटने की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। इससे शहरों में अचानक बाढ़ की स्थिति बन रही है।
मानसून में हल्की या मध्यम बारिश की जगह अब ज्यादा भारी बारिश के दिन बढ़ रहे हैं। पिछले साल के एक दशक में यह बदलाव ज्यादा देखने को मिला।
अब ड्रॉपलेट 200, लेकिन बारिश झटके में
स्टडी के मुताबिक वातावरण गर्म होने का असर बादल से गिरने वाली बूंदों (ड्रॉपलेट) पर पड़ा है। पहले यदि 100 बूंदें होती थीं तो वे धीरे-धीरे चार-पांच दिन तक बरसती रहती थीं। अब नमी ज्यादा होने से बूंदें तो 200 हैं, लेकिन वे एक साथ 1 घंटे, 2 घंटे में ही बरसकर खत्म हो जा रही हैं। रेनफॉल डिस्ट्रीब्यूशन भी बिगड़ गया है। इसे ही एक्सट्रीम वेदर पैटर्न कहा जा रहा है।
मानसून पश्चिम में शिफ्ट हो रहा
देश का 30% हिस्सा अभी भी अच्छी बारिश को तरस रहा है। इसकी वजह है- मानसून का पूर्व से पश्चिम दिशा में शिफ्ट हो जाना। इससे गुजरात-राजस्थान में तो ज्यादा वर्षा हुई है, लेकिन उप्र, बिहार सूखे पड़े हैं। बारिश का ज्यादातर पानी नदियों में बहने से ग्राउंड वाॅटर रिचार्ज नहीं हो पा रहा है।
आज 6 जिलों में ऑरेंज अलर्ट; मप्र में ज्यादा बारिश का आंकड़ा घटकर 5% बचा
मध्यप्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। शनिवार को भोपाल समेत प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में हल्की और मध्यम बारिश हुई। 24 घंटे में उज्जैन में सबसे ज्यादा 3 इंच पानी बरसा। सिवनी में 2 इंच और रीवा में डेढ़ इंच बारिश हुई। मौसम केंद्र ने रविवार को रीवा, सतना, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और सागर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके बावजूद प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश का आंकड़ा घटता जा रहा है। प्रदेश में अब तक 452.6 मिमी बारिश हुई है। यह अब तक की सामान्य बारिश 428.9 मिमी से सिर्फ 5% ज्यादा है।