दिल्ली न्यूज़: विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सभी स्कूली वाहन चालकों के ड्राइविंग लाईसेंस के साथ-साथ चरित्र का भी सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर चालकों की नौकरी निर्भर होगी। यानी भविष्य में खराब छवि के ड्राइवर स्कूली वाहन की स्टेयरिंग नहीं संभाल पाएंगे। स्कूल प्रबंधन को दागी चरित्र के ड्राइवर को तत्काल हटाना होगा। गाजियाबाद जनपद में स्कूली वाहन चालकों के ड्राइविंग लाईसेंस (डीएल) एवं चरित्र का सत्यापन जल्द शुरू किया जाएगा। गाजियाबाद की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में स्कूली वाहन दौड़ते हैं। कुछ संस्थानों ने बच्चों के परिवहन के लिए वाहन खरीद रखे हैं। जबकि कुछ ने किराए पर वाहन हायर कर रखे हैं। स्कूली वाहनों में विभिन्न खामियां जब-तब सामने आती रहती हैं। स्कूली वाहन में बच्चों की सुरक्षा के प्रति अभिभावक भी चिंतित रहते हैं। दरअसल कई वाहनों में आज तक ना सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, न महिला स्टाफ की तैनाती है।
वाहन चालक को रखते समय आवश्यक जांच-पड़ताल तक नहीं की जाती है। इसके मद्देनजर जिला सड़क सुरक्षा व जिला विद्यालय यान परिवहन सुरक्षा समिति ने स्कूली वाहन चालकों के डीएल के साथ-साथ चरित्र सत्यापन पर भी जोर दिया है। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विवेक श्रीवास्तव ने इस संबंध में आवश्यक निर्देश दे दिए हैं। सह विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह दोनों अधिकारी संबंधित स्कूल प्रबंधन के साथ मीटिंग कर उन्हें सुरक्षा समिति के निर्णय से अवगत कराएंगे। चरित्र सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ड्राइवरों को स्कूली वाहन के संचालन का काम सौंपा जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त निजी स्वामित्व की ऐसी बसें जो स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने का काम कर रही हैं, उन्हें भी स्कूल अनुबंध कर स्कूल परमिट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। उधर, अभिभावकों ने वाहन चालकों के चरित्र सत्यापन के निर्णय का स्वागत किया है। अभिभावकों का कहना है कि यह काम गंभीरता और ईमानदारी से होना चाहिए।