पेड़ों से अब निगम करेगा कमाई, अंतिम संस्कार में होगा इस्तेमाल
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दिल्ली नगर निगम के क्षेत्राधिकार में गिरे पेड़ों से अब निगम कमाई करेगा। तीसरे दिन भी पेड़ों को सड़कों से एकत्रित करने का सिलसिला जारी रहा। निगम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पेड़ों को नर्सरी में भेज कर उन्हें सूखाया जाएगा और उसके बाद विभिन्न श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इन दिनोंराजधानी के सभी शमशान घाट पर एक क्विंटल लकड़ी 700 रुपये मूल्य की है।
सोमवार को दिल्ली में तेज बारिश और हवाओं की वजह से विभिन्न कालोनियों में विशालकाय पेड़ जड़ सहित उखड़ गए और पेड़ों की शाखाएं टूट कर सड़कों पर गिरी। दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगर पालिका क्षेत्रों में तीसरे दिन बृहस्पतिवार को भी सड़को से पेड़ और उनकी शाखाओं को उठाने का सिलसिला जारी रहा। एकीकृत दिल्ली नगर निगम उद्यान विभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने जोन के अलावा लुटियान जोन में भी खड़े होकर सड़कों से पेड़ों को हटाने का कार्य कराया। उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निगम के अधिकार क्षेत्र से कितने टन पेड़ और लकड़ी एकत्रित हुई है इसका अभी कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है , फिलहाल उन्हें नर्सरी और स्टोरों पर भेजा जा रहा है।
उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बड़े पेड़ों की कटाई और शाखाओं की छंटाई कर पहले उन्हें सूखाया जाएगा और उसके बाद निगम बोध श्मशान घाट, लोधी रोड श्मशान घाट, पंजाबी बाग सहित अन्य श्मशान भूमि पर भेजा जाएगा। यहां इनका इस्तेमाल अंतिम संस्कार के लिए किया जाएगा। श्मशान भूमि पर निगम की तरफ से 100 किलो लकड़ का मूल्य 700 रुपये है। अधिकारियों का कहना है कि इसके अलावा वन विभाग के ठेकेदार लुटियन जोन के अधिकार क्षेत्र से एकत्रित लकड़ी को फर्नीचर के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।