अब पांच से 10 मिनट में बसें होंगी उपलब्ध, दिल्ली डीटीसी बसों के रूट्स में होगा रेशनलाइजेशन
नई दिल्ली: राजधानी में केजरीवाल सरकार (kejriwal government) ने परिवहन व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जरूरी कदम उठाया है. डीटीसी बसों (DDC Buses) के रूटों का दोबारा रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) किया जायेगा. इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेकर सीएम की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई (Meeting chaired by Kejriwal). इसमें परिवहन विभाग के अधिकारियों ने डीटीसी बसों के रूट (delhi dtc bus route) रेशनलाइजेशन को लेकर की गई स्टडी के सुझावों को लागू करने के संबंध में प्रजेंटेशन दिए. नए प्लान के तहत दिल्ली में अब पांच से 10 मिनट में जनता को बसें उपलब्ध होंगी.दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों में जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां भी बस सेवा उपलब्ध कराई जाएंगी. मेट्रो स्टेशनों से कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों की सेवा दी जाएगी और दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी (Buses connectivity in Delhi) को और बेहतर किया जाएगा. अभी दिल्ली में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानक के हिसाब से सिर्फ 49 फीसद है, इसको बढ़ाकर 90 से 95 फीसद किए जा लक्ष्य निर्धारित किया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तर्ज पर पूरे मामले पर दिल्ली की जनता से फीडबैक लिया जाएगा.
समीक्षा बैठक में कई मुद्दों पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया. रूट रेशनलाइजेशन स्टडी के सुझावों को लागू करने से दिल्ली वासियों को कई फायदे होंगे. प्रस्तावित सुझावों के अंतर्गत अब दिल्ली के चारों तरफ के 13 सबसे व्यस्त परिवहन केंद्रों से दिल्ली सेंट्रल बिजनेस डिट्रक्ट जैसे रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, (Railway Station, Connaught Place) आईएसबीटी तक 5 से 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी की बस सेवा से जोड़ा जाएगा.
दिल्ली के सभी रूटों को एक साथ शामिल कर उनको चार कटेगरी में बांटा जाएगा. पहला, ट्रंक नेटवर्क होगा, जिसके अंदर तीन सेट्रल बिजनेस डिट्रक्ट (Central Business District) (सीबीडी) सर्कुलेटर और 27 सुपर ट्रंक रूट शामिल है. इसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी. दूसरा, प्राइमरी नेटवर्क होगा. इसमें 10 से 15 मिनट की बसों की फ्रीक्वेंसी होगी. तीसरा सेकेंडी और चौथा फीडर नेटवर्क होगा, जिसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 15 से 20 मिनट की होगी.
मौजूदा समय में दिल्ली में 625 बस रूट हैं, जिसमें अभी 7200 बसें चल रही हैं. उसी तरह से मिनी/आरटीवी के 72 रूट हैं, जिसमें 799 बसें चल रही है। जबकि मैक्सी कैब के 14 रूट हैं, जिसमें तकरीबन 120 वाहन चल रहे हैं. अब स्टडी के बाद 625 स्टैंडर्ड बसों के रूट में से 274 रूटों पर बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी. इसके अलावा, बचे 351 रूटों पर मौजूदा समय में जिस तरह से बसें चल रही हैं, उसी तरह से आगे भी चलती रहेंगी। आने वाले समय में स्टैंडर्ड बसों की संख्या 7200 से 8494 की जाएंगी. इसके अलावा, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मिनी मिडी की बसें 120 रूटों पर चलाई जाएंगी, जिनकी संख्या करीब 2000 होगी।स्टडी के अनुसार, स्टैंडर्ड बसों के 274 रूटों कई कटेगरी में बांटा गया है. इस स्टडी के तहत ट्रंक रूटों की संख्या 30 होगी, जिसमें पांच रूट नए हैं. उसी तरह, प्राइमरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 154 होगी, जिसमें नए रूट 18 होंगे.सेकेंडरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 65 होगी. इसके अलावा, एनसीआर और एयरपोर्ट रूटों की संख्या 38 की जाएगी, जिसमें 12 नए रूट होंगे.
स्टडी के अनुसार प्रस्तावित सीबीडी सर्कुलेटर के रूट1. सीबीडी सर्कुलेटर 01: मोरी गेट से मोरी गेटइससे मोरी गेट, दिल्ली गेट, आईटीओ, केंद्रीय सचिवालय (central secretariat delhi), शिवाजी स्टेडियम टर्मिनल (कनॉट प्लेस), करोल बाग, तीस हजारी कोर्ट, मोरी गेट रूट शामिल है. इसकी लंबाई करीब 22 किलोमीटर होगी. 2. सीबीडी सर्कुलेटर 02: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) से नई दिल्ली रेलवे स्टेशनइससे नई दिल्ली, दिल्ली गेट, आईटीओ, हुमायूँ का मकबरा (Humayun's Tomb) , आश्रम, लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, एम्स, केंद्रीय सचिवालय, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली रूट शामिल है। इसकी लंबाई 31 किलोमीटर होगी.3. सीबीडी सर्कुलेटर 03: नेहरू प्लेस से नेहरू प्लेस
इसमें मुख्य नोड्स जुड़ेरू, नेहरू प्लेस, चिराग दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, मुनिरका, मोती बाग, एम्स, मूलचंद, कैलाश कॉलोनी, नेहरू प्लेस रूट शामिल है। इसकी लंबाई 28 किलोमीटर होगी।
मौजूदा समय में 37 फीसदी लोग कर रहे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल
बसों के रूट रेशनलाइजेशन के लिए छह तरह के सर्वे किए गए. इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया. इस सर्वे के अनुसार, दो लाख लोगों में से 37 फीसद लोग सार्वजनिक सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए. सर्वे में कई बातें सामने निकल कर आई हैं. मसलन, लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है. दिल्ली में 37 फीसदी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी (Anand Vihar ISBT), नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, बदरपुर जैसे ट्रांजिट सेंटरों पर यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है. लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 33 फीसद लोगों द्वारा ई रिक्शा का उपयोग किया जाता है.