नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट नीति लागू की, व्यावसायिक संपत्ति भी दायरे में
नोएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण ने से स्ट्रक्चरल ऑडिट नीति लागू कर दी. ऐसे में अब पुरानी इमारतों की भी मजबूती की जांच कराई जा सकेगी. संबंधित सोसाइटी की एओए या 25 प्रतिशत खरीदारों की तरफ से ऑडिट की मांग आने पर प्राधिकरण जांच करवाएगा, जबकि निर्माणाधीन इमारतों की जांच करवाने के बाद ही अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. प्राधिकरण से अधिकृत एजेंसियों से ही ऑडिट कराना होगा.
बिल्डर अभी तक किसी भी एजेंसी के जरिए स्ट्रक्चरल वैटिंग का प्रमाणपत्र लेकर प्राधिकरण में जमा कराता था. इसी आधार पर प्राधिकरण अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करता था. नई व्यवस्था के अनुसार अगर किसी परियोजना को अधिभोग प्रमाणपत्र जारी हो गया तो शुरुआत के पांच साल तक स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का जिम्मा बिल्डर के पास होगा. इसके बाद एओए की जिम्मेदारी होगी.
नई नीति के अनुसार आंशिक अथवा पूर्ण अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किए जाने से पहले बिल्डर द्वारा इम्पैनल्ड आईआईटी, एनआईटी और विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. इसके बाद आंशिक अथवा पूर्ण अधिभोग प्रमाणपत्र जारी होने के बाद भी किसी भी परियोजना में एओए अथवा टावर के 25 प्रतिशत अथवा उससे अधिक आवंटियों द्वारा स्ट्रक्चरल डिफेक्ट की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण स्तर पर गठित समिति द्वारा शिकायत का परीक्षण किया जाएगा. इस दौरान यह देखा जाएगा कि स्ट्रक्चरल डिफेक्ट माइनर श्रेणी का है या मेजर श्रेणी. मेजर श्रेणी का डिफेक्ट मिलने पर बिल्डर विशेषज्ञ संस्थाओं से ऑडिट कराएगा.
सीईओ के आदेश के एक महीने के अंदर यह ऑडिट कराना होगा. व्यावसायिक संपत्ति भी दायरे में आएंगी. अधिकारियों ने बताया कि केस टू केस के आधार पर समिति को विशिष्ट तकनीकी सहायता प्राप्त करने के लिए चयनित एजेंसी में से किसी एक को समिति का सदस्य नामित किया जा सकता है. गौरतलब है कि स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी को 12 नवंबर 2022 को नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई थी.
नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी को लागू कर दिया गया है. 17 एजेंसियों का पैनल बनाया जाएगा. अभी सात ने सहमति दे दी है. ऐसे में इनके जरिए बिल्डर या एओए ऑडिट करवा सकेंगे. बिल्डर संगठन क्रेडाइ के एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर में ऊंची इमारतों के संरचनात्मक ऑडिट के लिए प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों की नियुक्ति का बिल्डर स्वागत करते हैं. अधिकांश डेवलपर्स पहले से ही संस्थानों से स्ट्रक्चरल ऑडिट प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि, इस कदम से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.