फरीदाबाद न्यूज़: बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में पिछले पांच माह से एंटी रैबीज के इंजेक्शन नहीं है. दिल्ली एम्स प्रबंधन की तरफ से इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जबकि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग बल्लभगढ़ एसएमओ के पास इसके लिए बजट नहीं है. उन्होंने इस मामले में सीएमओ फरीदाबाद को पत्र लिखा है. बात दें कि इससे पहले गुरुग्राम वेयर हाउस से इंजेक्शन सप्लाई होते थे. ऐसी स्थिति में इंजेक्शन नहीं होने से मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. एंटी रेबीज इंजेक्शन बंदर व कुत्तों के काटने के बाद मरीजों को लगाया जाता है.
सरकारी अस्पताल का संचालन एम्स और हरियाणा स्वास्थ्य विभाग करता है. ओपीडी को एम्स व इमरजेंसी को हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग संचालन करता है.
शाखा में कुत्ते व बंदर के काटने पर (एंटी रेबीज) इंजेक्शन हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग मंगाकर मरीजों को मुहैया कराता है. इसके लिए मरीज से एक बार में 100 रुपये लिए जाते हैं, जबकि बीपीएल कॉर्ड धारक को मुफ्त इंजेक्शन लगाया जाता है. इंजेक्शन न होने से मरीज को निजी स्टोर से इंजेक्शन तीन गुना रेटों में खरीदना पड़ रहा है. सरकार की ओर से इंजेक्शन की कीमत 100 रुपये प्रत्येक इंजेक्शन जो कि चार लगाए जाते हैं. निजी स्टोर पर वहीं इंजेक्शन 300 रुपये तक प्रत्येक इंजेक्शन मिलता है, वह भी चार लगाए जाते हैं. करीब पांच माह से हरियाणा स्वास्थ्य विभाग बल्लभगढ़ के अस्पताल में इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हो रही है.
कॉलोनी से लावारिस कुत्ते नहीं पकड़े जा रहे
शहर के मोहल्ले, कॉलोनी की करीब-करीब सभी गलियों में लावारिस कुत्ते नजर आते हैं. इधर, शहर के सिटी पार्क, निर्माणाधीन ऑडिटोरियम के आसपास बंदरों का जमावड़ा है जिन्हें पकड़ने के लिए प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं है. हालांकि बंदरों को काबू करने के लिए निगम प्रशासन ने काफी समय पहले सिटी पार्क में जाल भी लगाया था, लेकिन उसमें बंदर नहीं आए, इस कारण वह भी वहां से हटा दिया गया. यहीं कारण है बंदरों ने भी शहरवासियों को बेहद परेशान किया हुआ है. कुत्तों को पकड़ने के मामले में निगम अधिकारी बृजमोहन शर्मा का कहना है कि निगम के पास कोई इंतजाम नहीं है.
अस्पताल में इंजेक्शन वेयर हाउस गुरुग्राम से भी आते हैं, लेकिन पिछले पांच माह से इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं. निजी तौर पर इंजेक्शन खरीदने के लिए विभाग के पास पैसा नहीं है. इस संदर्भ में सीएमओ फरीदाबाद को लिखा है. वहां से राशि मिलेगी तो अवश्य ही इंजेक्शन मंगा दिए जाएंगे.
-टीसी गिडवाल, एसएमओ, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग