नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बड़ा एक्शन लिया है। जांच एजेंसी ने दिल्ली एनसीआर, यूपी, महाराष्ट्र, बिहार तमिलनाडु और राजस्थान में पीएफआई से जुड़े लोगों के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली में थाना हौज काजी इलाके के बल्लीमारान में एनआईए की छापेमारी चल रही है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इसके साथ ही राजस्थान के टोंक समेत कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। साथ ही साथ बिहार महाराष्ट्र और यूपी में भी एनआईए ने रेड डाली है। तमिलनाडु के मदुरई समेत कई जगहों पर पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। पीएफआई को पिछले साल आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत बैन कर दिया गया था। ये छापेमारी केस नंबर 31/2022 के तहत की गई है। ये मामला पीएफआई, उसके नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से जुड़ा हुआ है। इस मामले से जुड़े सभी आरोपी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों के उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे। इनका मकसद गजबा ए हिन्द बनाने की थी। एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ गहन जांच की और मार्च 2023 में उनमें से 19 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। आरोपपत्र में एक संगठन के रूप में पीएफआई का भी नाम था। इसके बाद अप्रैल 2023 में पीएफआई के हथियार प्रशिक्षण के राष्ट्रीय समन्वयक के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था। देश में तबाही मचाने के लिए संवेदनशील युवाओं को शिक्षित करने और प्रशिक्षित करने की पूरी पीएफआई साजिश का पता लगाने और उसे बेनकाब करने के लिए जांच जारी है। साजिश का अंतिम उद्देश्य भारत की आजादी की एक सदी पूरी होने तक एक इस्लामिक राज्य बनाना है।