New Delhi: दिल की मुख्य धमनी का रास्ता बंद होने का इलाज अब आसान होगा

"डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ऐसे बच्चों की सर्जरी की सुविधा बढ़ेगी"

Update: 2025-02-11 07:03 GMT

नई दिल्ली: बच्चों के दिल में छेद, दिल से फेफड़ों तक जाने का रास्ता बंद होना और दिल की मुख्य धमनी का रास्ता बंद होने का इलाज अब आसान होगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ऐसे बच्चों की सर्जरी की सुविधा बढ़ेगी। अस्पताल में हर साल ऐसे करीब 300 बच्चों की सर्जरी हो रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में तैयार हुआ नया सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक जल्द शुरू होगा। इस ब्लॉक में कार्डियो सर्जरी के लिए चार आॅपरेशन थियेटर की सुविधा होगी। ओटी की संख्या बढ़ने से सर्जरी की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में सर्जरी के लिए इंतजार कर रहे मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा ब्लॉक में आईसीयू बेड, कैथ लैब की सुविधा भी बढ़ेगी।

दरअसल, ऐसे बच्चों की पहचान जल्द करने के लिए अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के प्रोफेसर ने बच्चों की जल्द पहचान के कारक बताए। साथ में लक्षणों पर भी चर्चा हुई। सीटीवीएस विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर ने बताया कि अस्पताल में हर साल करीब 300 ऐसे बच्चों की सर्जरी होती है। ऐसे बच्चों में दिल में छेद, दिल की मुख्य धमनी का रास्ता न बनना और फेफड़ों तक जाने वाली धमनी बंद होना सहित दूसरी दिक्कतें देखी जाती हैं।

यदि ऐसे बच्चे समय पर अस्पताल आ जाते हैं और समय पर सर्जरी हो जाती है तो 70 फीसदी बच्चे सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। उनका कहना है कि बच्चों के दिल में छेद को कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट कहते हैं। यह जन्मजात हृदय रोग है। इसके अलावा जल्दी के दौरान बच्चे के कुछ अंग भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते, जिसके लिए सर्जरी करनी पड़ती है।

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