New Delhi: परिसीमन के बाद दूसरे चुनाव में दिल्ली की नंबर-2 सीट बनी पटपड़गंज

बस एक बार जीती भाजपा

Update: 2024-12-11 06:46 GMT

नई दिल्ली: पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के दायरे में 2008 के परिसीमन में बड़ा बदलाव हुआ और इसके बाद हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में ही इसने दिल्ली की नंबर-2 सीट होने का तमगा हासिल कर लिया। 2013 के विधानसभा चुनाव में आप से मनीष सिसोदिया विधायक बने। मुख्यमंत्री के बाद वह दिल्ली सरकार में नंबर-2 रहे। कथित आबकारी घोटाले में जेल जाने तक सिसोदिया ने दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाई।

दिलचस्प यह कि परिसीमन से पहले इसका क्षेत्रफल काफी बड़ा था। परिसीमन में इसका ज्यादातर हिस्सा कोंडली विधानसभा क्षेत्र में चला गया। इस सीट से भाजपा ने सिर्फ एक बार 1993 में जीत का स्वाद चखा है। 2013 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी। करीबी मुकाबले में सिसोदिया जीत हासिल कर सके थे। इस बार सिसोदिया ने यह सीट छोड़ दी है। उनकी जगह आप ने शिक्षक अवध ओझा को उम्मीवार बनाया है।

2008 के परिसीमन से पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र का स्वरूप बदल गया। यह सीट सुरक्षित सीट थी। 2008 से यह सीट सामान्य हो गई है। विधानसभा सीट गठन के बाद 1993 में हुए चुनाव में यहां से भाजपा के ज्ञानचंद ने जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा को इस सीट से कभी जीत हासिल नहीं हुई। कांग्रेस से अमरीश सिंह गौतम ने यहां से दो बार जीत दर्ज की है। वहीं, 2008 में कांग्रेस नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार भी यहां से विधायक बने। इसके बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यहां से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं। लेकिन इस बार वह जंगपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में इस बार इस सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। विछले विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया को भाजपा के उम्मीदवार ने कड़ी टक्कर थी। उनकी जीम में बेहद कम अंतर था।

पटपड़गंज की आबादी मिलीजुली.

इस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चार वॉर्ड आते हैं। यह सीट पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसमें मंडावली, विनोद नगर, मयूर विहार फेज दो और पटपड़गंज जैसे क्षेत्र आते हैं। यहां लगभग 16 अवैध कॉलोनियां और तीन गांव आते हैं। पटपड़गंज, मंडावली और खिचड़ीपुर गांव इस इलाके में एक अलग पहचान रखते हैं। इस विधानसभा में 50 से अधिक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज भी है तो वहीं स्लम एरिया और कुछ पुनर्वास कॉलोनियां भी हैं। कुल मिलाकर पटपड़गंज इलाका मिला-जुला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में मिडिल क्लास से लेकर झुग्गी में रहने वाले मतदाता शामिल हैं

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