NCR Gurugram: मिलेनियम सिटी से साइबर सिटी के बीच चलने वाली मेट्रो रेल की विस्तृत परियोजना को मंजूरी मिली
जाने मुख्यमंत्री नायब सिंह ने क्या कहा?
गुरुग्राम: मिलेनियम सिटी सेंटर से रेलवे स्टेशन, सेक्टर-22 व साइबर सिटी के बीच मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। परियोजना पर 5452.72 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि इससे गुरुग्राम के लोगों को फायदा होगा।
मिलेनियम सिटी से साइबर सिटी के बीच चलने वाली मेट्रो रेल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को हरियाणा सरकार तथा केन्द्र सरकार से मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 फरवरी को रेवाड़ी में रखी गई थी। बैठक में बताया गया कि 28.50 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो रेल लाइन पर कुल 27 स्टेशन होंगे तथा एक डिपो भी बनाया किया जाएगा जिसमें से 8 स्टेशन मॉडल स्टेशन होंगे।
80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी स्पीड: मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि परियोजना पर केंद्र सरकार 896.19 करोड़ रुपये तथा हरियाणा सरकार की ओर से 4556.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के अंतर्गत मीडियम मेट्रो को स्थापित किया जाएगा तथा यह स्टेंडर्ड गेज पर संचालित होगी। मेट्रो सीबीटीसी अर्थात कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नल पर आधारित होगी तथा अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। पहले 3 कोच लगाए जाएंगे। इसके बाद इसे 6 कोच तक बढ़ाया जाएगा। मेट्रो विस्तारीकरण के निर्माण के दौरान पांच अंडरपास और फ्लाईओवर भी बनाए जाने हैं।
जियोटेक्नीकल इन्वेस्टिगेशन के लिए पहले पैकेज का कार्य पूरा: मेट्रो परियोजना को स्थापित करने के लिए गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड द्वारा 20 अति आवश्यक पदों पर प्रतिनियुक्ति या तत्काल समावेश के आधार पर पात्र उम्मदीवारों को उनके मूल विभाग के नियम व शर्तों के आधार पर चिन्हित कर रखने की कवायद जारी है। इसी प्रकार, जियोटेक्नीकल इन्वेस्टिगेशन के लिए पहले पैकेज-1 (13 किलोमीटर) का कार्य पूरा हो चुका है। सिविल, आर्किटेक्चर का कार्य आरंभ कर दिया गया है। डिपो तैयार करने के लिए कंसलटेंट नियुक्त करने तथा पहले सिविल पैकेज (मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर-9 तथा सैक्टर-101 द्वारका, कुल लंबाई 13 किलोमीटर) के लिए 31 जनवरी 2025 तक टेंडर मंगवाए जाएंगे। दूसरे सिविल पैकेज (सेक्टर-9 से साइबर सिटी, लगभग 13 किलोमीटर) के लिए 15 फरवरी, 2025 तक टेंडर मंगवाए जाएंगे।
कार्यकारी समिति व समन्वय समिति गठित: मेट्रो विस्तारीकरण परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए एक कार्यकारी समिति व एक समन्वय समिति का भी गठन किया गया है, जो इस परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए विभिन्न समन्वय मुद्दों का निष्पादन करेगी।