NCR Ghaziabad: छतों पर सीलिंग का काम करने वाले फर्जी अध्यक्ष अनस मलिक गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच टीम ने मानवाधिकार आयोग के 10वीं पास फर्जी अध्यक्ष को गिरफ्तार किया

Update: 2025-01-02 08:26 GMT

एनसीआर गाजियाबाद: मानव अधिकार न्याय आयोग गोमतीनगर लखनऊ का एक पत्र नवंबर माह में जिलाधिकारी कार्यालय भेजा गया। पत्र में मुरादाबाद निवासी अनस मलिक को आयोग का अध्यक्ष बताकर उनके दो दिवसीय भ्रमण के दौरान एस्कॉर्ट, यातायात और सुरक्षा आदि की व्यवस्था कराने को लिखा गया। आयोग में इस नाम के अध्यक्ष की पुष्टि नहीं हुई। क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार को 10वीं पास और छतों पर सीलिंग का काम करने वाले फर्जी अध्यक्ष अनस मलिक को गिरफ्तार कर लिया है।

एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद राय ने बताया कि अनस मलिक अपने साथ एर्टिगा कार, साफा और सफेद वर्दी सहित अर्दली और निजी सचिव भी रखता था। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम अनस मलिक पुत्र मुर्सलीन निवासी ग्राम शाहपुर मुबारकपुर कोकरपुर थाना छजलैट जनपद मुरादाबाद बताया। बताया कि वह छत की सीलिंग का काम करता है। पुलिस भर्ती के दौरान उसने कुछ युवकों से सरकार में अच्छी पकड़ होने और मानव अधिकार न्याय आयोग का अध्यक्ष बताकर नौकरी लगवाने की एवज में रुपये लिए थे। पिछले छह माह से वह तहसीलों, थानों और सरकारी कार्यालयों में लोगों के काम कराने पहुंचता था और इसकी एवज में लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रुपये ऐंठता था।

फर्जी लैटर पैड पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक की लाट, नीति आयोग व अध्यक्ष मानव अधिकार न्याय आयोग उत्तर प्रदेश का फर्जी लैटर पैड बनाकर लोगों पर रौब गालिब करता रहता था। बरामद कार पर ह्यूमन राइट लिखा है और अध्यक्ष की नेम प्लेट लगाकर चलता था। आरोपी की कार से अर्दली लिखा पीतल का लोगो, दो सिपाहियों के फर्जी एडमिट कार्ड, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट, अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड के साथ-साथ अर्टिगा कार भी बरामद की गई है।

ऐसे आया पकड़ में: आठ नवंबर 2024 को जिलाधिकारी कार्यालय में डीएम और पुलिस आयुक्त के नाम अनस मलिक अध्यक्ष मानव अधिकार न्याय आयोग लखनऊ का पत्र भेजा गया। इसमें गांव कांठ रोड अगवानपुर मुरादाबाद के अनस मलिक को अध्यक्ष बताया गया। अनस मलिक का मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद और नोएडा में दो दिवसीय भ्रमण के दौरान एस्कार्ट, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा आदि की व्यवस्था करने को कहा गया था। लखनऊ स्थित आयोग से अनस मलिक की जांच कराई गई। आयोग ने अनस मलिक नाम के अध्यक्ष या सदस्य के होने से इन्कार कर दिया। साथ ही कार चालक, निजी सचिव और पीएसओ आदि मुहैया कराने से भी इन्कार किया गया।

सोशल मीडिया पर वायरल करता था वीडियो: अनस मलिक फर्जी लैटर पैड, वदीर्धारी अर्दली और सिपाही के साथ-साथ निजी सचिव भी साथ रखता था। अपने जानकारों के यहां इन्हीं ठाठ-बाट से जाता था और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करता था। वीडियो में कुछ अधिकारियों से वार्ता करते हुए तो कुछ पर धौंस जमाता नजर आता था। सोशल मीडिया पर मानव अधिकार न्याय आयोग अध्यक्ष बताकर संपर्क करने के लिए मोबाइल नंबर भी लिखा रहता था। इस फोन को उसका फर्जी सचिव रिसीव करता था।

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