एनसीपीसीआर ने बाल स्वराज पोर्टल के तहत सीआईएसएस एप्लिकेशन किया लॉन्च, सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास पर करेगा काम

Update: 2022-06-11 14:39 GMT

दिल्ली न्यूज़: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अब सड़कों पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास की प्रक्रिया में मदद करने के लिए बाल स्वराज पोर्टल के तहत एक सीआईएसएस एप्लिकेशन लॉन्च किया है। इस पोर्टल के द्वारा बच्चों की ऑनलाइन ट्रैकिंग और डिजिटल रीयल टाइम निगरानी तंत्र के माध्यम से उनका देखभाल व सुरक्षा की जाएगी।

पोर्टल बच्चों के पुनर्वास के लिए छह चरण की रूपरेखा का अनुसरण करेगा: बता दें कि इस पोर्टल में उन बच्चों की विशेष रूप से केयर की जाएगी जोकि मार्च 2020 या उसके बाद कोविड-19 के चलते माता-पिता या किसी एक को खो चुके हैं। यह पोर्टल बच्चों के पुनर्वास के लिए छह चरण की रूपरेखा का अनुसरण करता है। पहले चरण में बच्चे का विवरण संग्रह किया जाएगा जिसे पोर्टल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। दूसरा चरण है सोशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट जिसके तहत बच्चे की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी। जिसे जिला बाल संरक्षण इकाई की देखरेख में जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा बच्चे से बातचीत व परामर्श करके किया जाएगा। तीसरा चरण बच्चे के लिए एक व्यक्तिगत देखभाल योजना है, चौथा चरण सीडब्ल्यूसी के समक्ष मामला प्रस्तुत करना है। पांचवा चरण उन योजनाओं और लाभों का आवंटन करना है जिनका लाभार्थी लाभ उठा सकते हैं जबकि छठें चरण में प्रगति के मूल्यांकन के लिए एक चेकलिस्ट बनाई जाएगी।

चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन की होगी पड़ताल: इस दौरान बच्चे की चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन के तहत पड़ताल की जाएगी और यह पता किया जाएगा कि बच्चा अकेले सड़कों पर रह रहा है या दिन के दौरान रहता है या फिर वो परिवार के साथ सड़कों पर रहता है। साथ ही यह भी पता किया जाएगा कि सड़क पर रहने की वजह कहीं बेहतर जीवन स्तर की तलाश में परिवारों का ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन तो नहीं। बता दें कि एनसीपीसीआर द्वारा विकसित यह पोर्टल भारत में सड़क पर रहने वाले बच्चों की मदद करने वाला पहला पोर्टल है। सीआईएसएस एप्लिकेशन का उपयोग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सड़क की स्थितियों में बच्चों के डेटा प्राप्त करने, उनके बचाव और पुनर्वास प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए किया जाता है। 

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