एमपीसीआरटी परीक्षा मामले : तीन उम्मीदवारों को मिला सात साल की सजा

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) द्वारा आयोजित एमपीआरटी-2013 परीक्षा से जुड़े एक मामले में तीन उम्मीदवारों को सात साल के कठोर कारावास की सजा दी है

Update: 2022-08-18 16:17 GMT
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) द्वारा आयोजित एमपीआरटी-2013 परीक्षा से जुड़े एक मामले में तीन उम्मीदवारों को सात साल के कठोर कारावास की सजा दी है। सीबीआई की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गयी। अदालत ने संबंधित मामले की सुनवाई के बाद पूरन सिंह, लंकेश शर्मा और सतीश अर्गल को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई जबकि एक अन्य को बरी कर दिया। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 17 अगस्त -2015 को मामला दर्ज किया था और जांच का काम अपने हाथ में लिया था। सीबीआई ने 12 मार्च- 2019 को चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपियों ने अवैध साधनों का उपयोग करके एमपीआरटी-2013 की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

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