नई दिल्ली, (आईएएनएस)| अधिक हवाई यात्रियों ने डिजी यात्रा ऐप का उपयोग करना शुरू कर दिया है, 1.6 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाईअड्डे में निर्बाध प्रवेश के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का लाभ उठाया है, एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। डिजी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से हवाई अड्डों पर लागू किया जा रहा है। पहले चरण में, इसे नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 1 दिसंबर, 2022 को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर लॉन्च किया गया था।
मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और हैदराबाद हवाई अड्डों पर चरण 1 के तहत डिजी यात्रा के कार्यान्वयन की भी योजना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 1 दिसंबर, 2022 से 14 फरवरी, 2023 तक हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा प्रक्रिया का उपयोग करने वाले यात्रियों की कुल संख्या 1.6 लाख से ज्यादा है।
एंड्रॉइड प्ले स्टोर और आईओएस एप्पल ऐप स्टोर पर डिजी यात्रा का कुल ऐप उपयोगकर्ता आधार 4 लाख से अधिक है। अधिकारियों ने कहा कि डिजी यात्रा एक बायोमेट्रिक बोडिर्ंग प्रणाली है, जो हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए एक सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करती है।
यह कई टचपॉइंट्स पर टिकटों और आईडी के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके यात्री अनुभव को बढ़ाता है और डिजिटल ढांचे का उपयोग करके मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से बेहतर थ्रूपुट प्रदान करता है। डिजी यात्रा एक स्वैच्छिक सुविधा है। डिजी यात्रा प्रक्रिया में, यात्रियों की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य सूचना डेटा का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं होता है।
यात्री के सभी डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है और यात्री के स्मार्टफोन के वॉलेट में संग्रहीत किया जाता है और केवल सीमित समय अवधि के लिए यात्रा के मूल हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को मान्य करने की आवश्यकता होती है। उड़ान के 24 घंटे के भीतर डेटा को सिस्टम से मिटा दिया जाता है।
डिजी यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए हवाईअड्डे पर हवाई अड्डे के संचालक और एयरलाइन संचालक उड़ान के दौरान घोषणाएं कर रहे हैं, बोडिर्ंग पास के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, सहायता डेस्क सहायता प्रदान कर रहे हैं और हवाईअड्डों पर बैनर और फिल्में आदि प्रदर्शित कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और वाराणसी हवाई अड्डों पर बॉयोमीट्रिक बोडिर्ंग सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए काम सौंपा है।
--आईएएनएस