मर्चेंट नेवी का एक्स सेलर है मास्टरमाइंड

Update: 2022-08-25 12:53 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ने अपने जानकार एजेंट पानीपत निवासी अमित व हिसार निवासी योगेश से वीजा बनवाया था। इसके लिए उसने 20 लाख रुपये का भुगतान किया।

आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जीवाड़े के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए एक यात्री व तीन हाई प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक अमित कुमार उर्फ मिता हरियाणा स्टेट लेवल का कबड्डी खिलाड़ी है। योगेश कुमार उर्फ योगी सिंगर व डिस्क जॉकी है। तीसरा आरोपी मास्टर माइंड वरुण चौहान मर्चेंट नेवी का एक्स सेलर है। इन पर लोगों को फर्जी कागजातों व वीजा से विदेश भेजने का आरोप है।

आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इमिग्रेशन अफसर सुरेंद्र सिंह तंवर ने जालसाजी को लेकर एक शिकायत पांच जुलाई को दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कनाडा जा रहे जवाहर नगर, जिंद हरियाणा निवासी अमन कुमार को पकड़ा था। इमिग्रेशन क्लीयरेंस के दौरान उसके कागजात की जांच में वीजा फर्जी मिला था। मामला दर्जकर आईजीआई एयरपोर्ट थानाध्यक्ष यशपाल की देखरेख में एसआई सुमित कटारिया व हवलदार बिरजू सिंह की टीम ने जांच शुरू की।

पूछताछ में अमन ने बताया कि उसने अपने जानकार एजेंट पानीपत निवासी अमित व हिसार निवासी योगेश से वीजा बनवाया था। इसके लिए उसने 20 लाख रुपये का भुगतान किया। एसआई सुमित कटारिया की टीम ने जांच के बाद कुराना इसराना पानीपत हरियाणा निवासी अमित कुमार उर्फ मिता और कैप्टन स्कूल के पास, शिव नगर हिसार, हरियाणा निवासी योगेश कुमार उर्फ योगी को गिरफ्तार कर लिया। इन्होंने बताया कि वह एक वर्ष से वरुण चौहान उर्फ अरुण शर्मा उर्फ शर्माजी के नाम के एक एजेंट के लिए काम कर रहे थे। वह विदेश जाने वाले लोगों का फर्जी वीजा बनवाता था। पुलिस ने वरुण को लुकआउट नोटिस जारी कर कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। वह भारत छोड़कर थाईलैंड भाग रहा था।

नौकरी छोडने के बाद गोरखधंधा करने लगा

सेलर की नौकरी छोड़ने के बाद वरुण फर्जी वीजा बनाने का गोरखधंधा करने लगा। इसे कनाडा, वियतनाम और रशिया आदि देशों में लेबर मैनेजमेंट और एंप्लॉयमेंट के काम की जानकारी थी। इसने कई फर्जी वेबसाइट बनाईं। इसके जरिए लोगों को विदेश में जॉब देने के लिए संपर्क करना शुरू किया। इसके नेपाल व अफगानिस्तान के साथ-साथ अफ्रीकन देशों में एजेंट थे। वह फर्जी वीजा बनाने के लिए कुणाल शाह और दूसरों की मदद लेता था। पुलिस कुणाल का पता कर रही है। वरुण से बरामद लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

Similar News

-->