नई दिल्ली (आईएएनएस)| आम आदमी पार्टी और दिल्ली बीजेपी में बहुत दिनों से मेयर चुनाव सहित अन्य मुद्दों को लेकर सियासी घमासान चल रहा है। आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अनैतिक ढंग से एमसीडी का बजट पारित करा लिया है। जबकि, एमसीडी ने एक बयान में कहा है कि बजट अभी पारित ही नहीं हुआ है, विचाराधीन है। गौरतलब है कि एमसीडी सदन में आप और बीजेपी पार्षदों के बीच दो बार हंगामे के चलते मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव पूर्ण नहीं हो पाया है। अभी तक मनोनीत और चुने हुए पार्षदों ने शपथ ली है। अब 6 फरवरी को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। एमसीडी सदन में पिछले हंगामे को देखते हुए 6 फरवरी को भी आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उन्हें अखबार में छपी खबरों से पता चला है कि एमसीडी ने अपना बजट पारित कर दिया है, इसी मकसद की वजह से महापौर और उपमहापौर के चुनाव में जानबूझकर देरी की गई है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी का बजट बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो बताता है कि चुनी हुई सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए कितना पैसा खर्च करने की उम्मीद करती है।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा, 'लेकिन अब बीजेपी ने दिल्ली के नागरिकों के साथ विश्वासघात किया है। बीजेपी ने एमसीडी का बजट अधिकारियों के माध्यम से अवैध रूप से पारित कराया है।
गौरतलब है कि आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि बजट पारित नहीं किया गया था। बाद में एमसीडी ने एक बयान में कहा कि सूचित किया जाता है कि बजट 2023-24 अब तक पारित नहीं किया गया है, विचाराधीन है। छह फरवरी 2023 को निर्धारित चुनाव में महापौर के चुने जाने के बाद विचार प्रक्रिया विचारशील शाखा में स्थानांतरित हो जाएगी। कहा गया था कि निगम 15 फरवरी तक बजट कवायद को पूरी करेगा। सूत्रों के अनुसार बृहस्पतिवार को बताया गया था कि 6 फरवरी को होने वाली एमसीडी के सदन की बैठक में महापौर का चुनाव कराना पहला एजेंडा है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उपमहापौर का चुनाव कराया जाएगा और फिर एमसीडी की छह सदस्यीय स्थायी समिति का चुनाव होगा। वहीं इससे पहले आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि एमसीडी के जिन नौकरशाहों ने बजट पारित किया है, उन्हें अगली बार एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए कहा जाना चाहिए। यह दिल्ली के लोगों के साथ विश्वासघात है। लोगों ने एमसीडी चलाने के लिए आप को चुना है, लेकिन बजट पास करने वाले एमसीडी के नौकरशाह हैं, इसका क्या मतलब है?
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