मनीष सिसोदिया ने LG पर लगाया करोड़ों रुपए का नुकसान का आरोप: जांच के लिए CBI को लिखा पत्र

Update: 2022-08-06 10:04 GMT

दिल्ली ब्रेअकींग न्यूज़: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नई शराब नीति (New Liquor Policy) को लेकर कई बड़े खुलासे किए। इसके साथ ही सिसोदिया ने केजरीवाल सरकार (KejriwalGovernment) की नई शराब निति को लेकर उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए। सिसोदिया ने कहा है कि उपराज्यपाल ने कैबिनेट से बात किए बिना नई शराब नीति को रद्द करने के फैसले को बदल दिया।

इससे दिल्ली सरकार (Delhi Government) को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। सिसोदिया ने कहा कि नई शराब नीति उपराज्यपाल की सहमति से बनाई गई थी। उनके सुझावों को भी इस नीति में लागू किया गया था। अगर यह नीति गलत थी तो उन्होंने उस समय आपत्ति क्यों नहीं की। सिसोदिया ने कहा कि हम इस मामले की सीबीआई जांच (CBI investigation) की मांग करते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने सीबीआई को यह जांच करने के लिए विवरण भेजा है कि वो जांच करें कि किस तरह से सरकार की पास पॉलिसी में फेरबदल कर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया। सिसोदिया ने कहा, '2021 की नई आबकारी नीति (New Excise Policy) में हमने कहा था कि 849 दुकानें ही रखी जाएंगी, लेकिन उनका वितरण समान तरीके से रखा जाएगा। मई 2021 में कैबिनेट ने पास की उसके बाद उपराज्यपाल ने कुछ सुझाव दिए, उन्हें भी शामिल किया गया और कहा गया कि दिल्ली में दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी, बल्कि पूरी दिल्ली में एक समान रखी जाएगी, जहां अवैध कॉलोनियां हैं।

एलजी साहब ने बिना किसी आपत्ति के दो बार इसे पास किया, लेकिन नवंबर 2021 को जब दुकानें खोलने का प्रस्ताव भेजा गया तो 17 नवंबर से दुकानें खोली जानी थीं, लेकिन 2 दिन पहले यानी 15 नवंबर को उपराज्यपाल ने इसमें एक नई शर्त जोड़ी की अनऑथराइज इलाकों में एमसीडी (MCD) और डीडीए (DDA) से मंजूरी ले ली जाए, जबकि वे पहले भी मंजूरी देते रहे हैं।

सिसोदिया ने कहा, 'एलजी के अचानक स्टेंड बदलने से अनऑथराइज्ड कालोनियों (Unauthorized Colonies) में दुकानें नहीं खुल पाई वो लोग कोर्ट गए। कोर्ट ने कहा कि उनसे फीस नहीं ली जाए, जिससे सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस बदलाव के कारण कई जगहों पर दुकानें नहीं खुल सकीं, जिनकी दुकानें खुलीं उन्हें काफी फायदा हुआ। मैं इस मामले की जांच के लिए सीबीआई (CBI ) को दस्तावेज भेज रहा हूं। एलजी के इस फैसले से सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और दुकानदारों को फायदा हुआ है।


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