लोकसभा चुनावों से पहले द‍िल्ली कांग्रेस में बड़ा बदलाव

Update: 2023-08-31 08:15 GMT
दिल्ली एनसीआर: द‍िल्‍ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्‍यक्ष के नाम को लेकर चल रहे कयासों पर बृहस्‍पत‍िवार को व‍िराम लग गया. अख‍िल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से द‍िल्‍ली के पूर्व अध्‍यक्ष और पूर्व मंत्री अरव‍िंदर स‍िंह लवली को एक बार फ‍िर से प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई है.
एआईसीसी महासच‍िव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी न‍ियुक्‍त‍ि पत्र में लवली को तत्‍काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी का द‍िल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष न‍ियुक्‍त किया गया है. लवली न‍िवर्तमान अध्‍यक्ष चौधरी अन‍िल कुमार की जगह पद संभालेंगे. एआईसीसी के अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे के आदेश के बाद लवली की न‍ियुक्‍ति नए प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में की गई है. हालांक‍ि नए अध्‍यक्ष के रूप में देवेंद्र यादव का नाम भी रेस आगे माना जा रहा था.
पूर्व सीएम शीला दीक्ष‍ित के बेहद करीबी रहे हैं लवली
इस बीच देखा जाए तो अरव‍िंदर स‍िंह लवली इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं. कांग्रेस के वर‍िष्‍ठ और कद्दावर नेताओं में शुमार अरव‍िंदर स‍िंह लवली शीला सरकार में मंत्री भी रहे हैं. कई मंत्रालयों की अहम ज‍िम्‍मेदार‍ियां संभाल चुके लवली द‍िल्‍ली की पूर्व सीएम शीला दीक्ष‍ित के काफी करीबी रहे.
2013 में जब द‍िल्‍ली में आम आदमी पार्टी पहली बार 28 सीट जीतकर व‍िधानसभा पहुंची थी तो उस वक्‍त अरव‍िंदर स‍िंह लवली प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष थे. उनके नेतृत्‍व में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके अरव‍िंद केजरीवाल की अगुआई में 49 द‍िन की सरकार बनी थी.
2017 के एमसीडी चुनावों से पहले ज्‍वाइन की थी भाजपा
इस बीच उनके राजनीत‍िक कर‍ियर पर नजर डाली जाए तो साल 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले वो भाजपा में चले गए थे. लेकिन बीते लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घर वापसी कर ली. लवली को कमान देकर कांग्रेस ने दिल्ली के सिख वोटरों को साधने की कोशिश की है. अरविंदर सिंह लवली दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहने के साथ 4 बार विधायक भी रह चुके हैं. शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शिक्षा और परिवहन के अलावा शहरी विकास व राजस्व मंत्रालय जैसे कई अहम विभागों की ज‍िम्‍मेदारी भी संभाली है.
गौतम गंभीर के ख‍िलाफ लड़ा था 2019 का लोकसभा चुनाव
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से गौतम गंभीर (भाजपा) और आतिशी (आप) के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. लवली कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय थे. बाद में, 1990 में, उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया. फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया.
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