उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकारी दस्तावेजों में सरल शब्दों का इस्तेमाल करने का दिया निर्देश
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस, भूमि एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कामकाज में पुराने शब्दों का इस्तेमाल खत्म करें। इस कदम से प्राथमिकी व संपत्ति के पंजीकरण के कागजात की सामग्री लोगों को आसानी से समझ आ सकेगी। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि काम करने में आसानी पर अधिकारियों के साथ हाल में बैठक करते हुए सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकार के साथ सार्वजनिक संपर्क आसान बनाएं ताकि लोगों को भाषा समझ आ सके। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों, खासकर पुलिस, भूमि और राजस्व विभागों, उप पंजीयक कार्यालय, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और निचली न्यायपालिका के दस्तावेजों में इस्तेमाल की जा रही पुरातन भाषा को बदलने और लोगों की समकालीन भाषाई जरूरतों के मुताबिक अपडेट करने की आवश्यकता है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस, भूमि एवं राजस्व समेत कई महकमों में पुरानी भाषा प्रारूप का इस्तेमाल होता है, जिनमें ब्रिटिश काल के कानूनों के तहत फारसी और उर्दू के शब्दों की बहुलता होती है और कई लोगों को इनको समझने में दिक्कत होती है। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के गृह एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को पुलिस के समन, प्राथमिकी, भूमि रिकॉर्ड, म्यूटेशन (दाखिल खारिज), रजिस्ट्री और अन्य कानूनी कागजातों की सामग्री की भाषा को समयबद्ध तरीके से आसान बनाने का निर्देश दिया। सूत्रों ने बताया कि सक्सेना ने यह भी सुझाव दिया कि सरकारी विभाग आधिकारिक कागजात की भाषा को सरल बनाने की कवायद शुरू कर दें, जबकि अदालतों से कानूनी मामलों और दस्तावेजों में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को सरल बनाने का अनुरोध किया जा सकता है।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को पेश किए जाने वाले सुधारों के लिए विभागवार सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया, जिससे व्यवस्था को पारदर्शी और लोगों के अधिक अनुकूल बनाया जा सके। संबंधित विभागों को ऐसे मामलों पर जनता की राय लेने का निर्देश दिया गया है और फीडबैक व सुझावों की व्यवहार्यता के आधार पर विशिष्ट सुधार पेश किए जा सकते हैं। अगस्त 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की पुलिस को प्राथमिकी में आसान भाषा इस्तेमाल करने को कहा था जो लोगों को समझ आ सके।