लोकसभा ने संचित निधि से 122.43 लाख करोड़ निकासी की सरकार को दी मंजूरी

लोकसभा ने सरकार को उसके कामकाज और योजनाओं को लागू करने के लिए संचित निधि से 122.43 लाख करोड़ रुपये की निकासी की अनुमति वाले विनियोग विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी।

Update: 2022-03-24 15:54 GMT

लोकसभा ने सरकार को उसके कामकाज और योजनाओं को लागू करने के लिए संचित निधि से 122.43 लाख करोड़ रुपये की निकासी की अनुमति वाले विनियोग विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। इसके जरिये सरकार नए वित्तवर्ष पहली अप्रैल से सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए इस कोष से धन निकाल सकती है। इसके साथ ही लोकसभा में बजट संबंधी दो तिहाई कामकाज पूरा हो गया।

विनियोग विधेयक को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया था। विपक्ष के कई कटौती प्रस्तावों को खारिज करते हुए बाद में इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। राज्यसभा से यह बिल पहले पारित हो चुका है।
लोकसभा में फिर बीरभूम हिंसा पर हंगामा
दूसरी ओर लोकसभा में गुरुवार को भी बीरभूम हिंसा का मुद्दा उठा। भाजपा सांसद सौमित्र खान ने अपनी सीट से उठकर तृणमूल सरकार विरोधी नारे लगाते हुए वेल में पहुंचे और वहां गलियारे के पास बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल अब आतंक का जमीन बन गया है। कई अन्य भाजपा सांसदों ने भी खान का समर्थन किया लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा, सदन इस तरह नहीं चल सकता। सदस्यों को सदन की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी टीएमसी सरकार पर हमला बोला और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को बोगतुई गांव में घुसने नहीं देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, इस तरह कांग्रेस नेता को रोकना लोकतंत्र के लिए झटका है।
सदन में गूंजा केरल यूडीएफ सांसदों से धक्का-मुक्की का मुद्दा
इस बीच राज्यसभा में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली पुलिस द्वारा विजय चौक पर प्रदर्शन कर लौट रहे सांसदों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनसे घटना के संबंध में एक विस्तृत नोट भेजने के लिए कहा। वहीं, लोकसभा में केरल से सांसद सुरेश कोडिकुन्निल ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। महिला सांसदों के साथ अभद्रता की गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी मामले का संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है।
क्या है मामला
दरअसल, केरल के के-सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट के खिलाफ यूडीएफ सांसदों और केरल के लोगों ने एक प्रदर्शन आयोजन किया था। इसमें एक मार्च करीब पौने 11 बजे से विजय चौक से संसद भवन तक जाना था। सांसदों का आरोप है कि वह प्रदर्शन के बाद पैदल की संसद की तरफ आ रहे थे, लौटते समय सांसदों को दिल्ली पुलिस ने रोका, और संसद भवन में घुसने नहीं दिया।
सांसदों ने बताया वह जनप्रतिनिधि हैं, इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा आप नारेबाजी कर रहे हैं, इस पर सांसदों के तमाम तर्क देने के बाद भी दिल्ली पुलिस के जवानों ने सांसदों से धक्का-मुक्की औरमारपीट की। दिल्ली पुलिस के हवाले से इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक, केरल यूडीएफ सांसदों के साथ मारपीट नहीं हुई है, केवल उन्हें बैरिकेड्स पर रोकने की कोशिश की गई थी, क्योंकि वह बिना पहचान बताए चिल्ला रहे थे और संसद में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
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