नई दिल्ली: कोरोना महामारी का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. इस बीच एक और डराने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल जून महीने के अंत से एक बार फिर लॉकडाउन लगने की स्थितियां बन रही हैं. हालांकि भारत के लिए नहीं बल्कि जहां से इस महामारी की उत्पत्ति हुई थी वहां इसको लेकर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. चीन में एक बार फिर लॉकडाउन लगने के आसार बन रहे हैं. कोविड-19 के नए मामलों को लेकर आशंका जताई गई है कि जून के अंतिम सप्ताह से यहां 6.5 करोड़ केस दर्ज किए जाएंगे जो डराने वाला आंकड़ा है. यही वजह है कि महामारी से जुड़े इतने मामलों के चलते यहां एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है.
चीन के सबसे बड़ा शहरों में शुमार शंघाई के हुआशान हॉस्पिटल में संक्रमण रोगों के केंद्र के निदेशक डॉ. झांग वेनहोंग के मुताबिक, जून के अंत तक चीन में कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि, इसका सीधे तौर पर आर्थिक गतिविधियों और आम जनजीवन पर प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि बड़ी संख्या में नए मामलों के सामने आने से कठोर प्रतिबंध जैसे लॉकडाउन लगाने की स्थिति बनती दिख रही है.
न्यूयॉर्क टाइम की मानें तो आर्थिक विकास को लेकर बीजिंग लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते देश की आर्थिक नब्ज कमजोर हो रही है. कोरोना की पहली लहर के मुकाबले अंतिम लहर में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं चीन का मानना है कि कोरोना से खतरा अब काफी कम है, क्योंकि कोविड-19 के लक्षण अब पहले के मुकाबले हल्के हैं. ऐसे में लोगों को ज्यादा ना डरने की सलाह दी जा रही है.
अप्रैल के बाद से लगातार बढ़ रहे कोविड केस
चीन में अप्रैल के बाद से लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं .डॉ. झांग के मुताबिक जून के अंत तक इन मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा. हर हफ्ते 65 मिलियन यानी साढ़े छह करोड़ के आस-पास नए केस सामने आएंगे. ये आंकड़ा निश्चित रूप से डराने वाला है. हालांकि उन्होंने मई के महीने में भी हर हफ्ते 40 मिलियन संक्रमण वृद्धि को लेकर भविष्यवाणी की थी.
जीरो कोविड पॉलिसी
चीन ने कोरोना महामारी से बचने के लिए लगातार जीरो कोविड पॉलिसी को लागू किया. इस नीति के प्रसारण के लिए सख्त लॉकडाउन, सामूहिक परीक्षण, संपर्क अनुरेखण और संगरोध उपाय प्रमुख रूप से शामिल हैं. हालांकि चीन की इस कोशिश के चलते लगातार आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है.