शराब के शौकीनों के लिए एक बुरी खबर है। अब राजधानी दिल्ली में भी शराब की कीमतें बढ़ सकती हैं। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 17 नवंबर से निजी दुकानों के खुलने के साथ शराब आठ से नौ प्रतिशत महंगी हो सकती है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने गुरुवार को एक आदेश में कहा कि सभी प्रकार की शराब की थोक कीमतों में आठ से नौ प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। आबकारी विभाग फिलहाल दिल्ली में पंजीकृत होने वाले शराब के ब्रांडों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय करने की प्रक्रिया में है।
इस संबंध में एक शराब कारोबारी ने कहा कि थोक मूल्य में वृद्धि से शराब की कीमतों में कम से कम पांच से दस प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, कीमतें कितनी बढ़ेंगी यह 2021-22 के लिए आबकारी नीति के अनुसार नई खुदरा प्रणाली के लागू होने के बाद ही पता लग पाएगा। आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। आदेश के अनुसार, नई आबकारी नीति 2021-22 में आबकारी शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) को लाइसेंस शुल्क में जोड़ दिया गया है। थोक मूल्य पर एक-एक प्रतिशत की दर से आबकारी शुल्क और वैट लगाया जाएगा, जिसके आधार पर खुदरा विक्रेताओं के पास शराब आपूर्ति की कीमत निकाली जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत भारतीय और विदेशी शराब की लागत में शामिल संशोधित मापदंडों के कारण थोक मूल्य में लगभग 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। आदेश के अनुसार, इसका शराब की अन्य श्रेणियों पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है। आदेश में कहा गया है कि नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत भारतीय और विदेशी शराब के लागत कार्ड में शामिल संशोधित मानकों के कारण आने वाले नए डब्ल्यूएसपी में लगभग 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। आबकारी नीति 2021-22 के तहत 17 नवंबर से सभी 849 दुकानों का संचालन निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। अब तक, दिल्ली में खुदरा बिक्री का अधिकांश हिस्सा दिल्ली सरकार की एजेंसियों द्वारा संभाला जाता था जो 16 नवंबर को दुकानें बंद कर देंगी। नई आबकारी नीति के कार्यान्वयन के मद्देनजर 30 सितंबर को लगभग 260 निजी वेंडर खत्म कर दिए गए थे।