एलजी ने आबकारी नीति में खामियों को नजरंदाज करने को लेकर 11 अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश की
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली की नई आबकारी नीति को बनाने और उसे लागू करने में नियमों की अनदेखी करने के आरोप में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (आईएएस) और आबकारी उपायुक्त (दानिक्स) आनंद कुमार तिवारी सहित विभाग के 11 अधिकारियों को निलंबित व अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है। उपराज्यपाल की सिफारिश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय व मुख्य सचिव को कार्रवाई करनी है। इस बाबत जल्द आदेश जारी होने की उम्मीद है। इन सभी के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है। उपराज्यपाल ने यह निर्णय संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के मद्देनजर लिया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ प्रदान करना शामिल है। यह बात दिल्ली सरकार के विजिलेंस (डीओवी) विभाग ने जांच कर अपनी रिपोर्ट में कही है।
उपराज्यपाल ने पहले ही शराब नीति 2021-22 में गड़बडिय़ों की आशंका की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सीबीआई इस मामले की जांच शुरू करने जा रही है। जिससे इस मामले में खामियों को लेकर पर्दा उठ सकेगा। यह भी आरोप है कि काली सूची में शामिल कुछ कंपनियों को भी काम दे दिया गया। आबकारी नीति 2021-22 को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था। उस समय एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज) कैडर के 2012 के आईएएस आरव गोपी कृष्ण आबकारी आयुक्त थे। मगर इस नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश से कुछ समय पहले ही उपराज्यपाल ने इन्हें पद से हटा दिया था। आबकारी नीति को क्रियान्वित करने में आबकारी उपायुक्त के पद पर तैनात आनंद कुमार तिवारी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। तिवारी 2003 बैच के दानिक्स अधिकारी हैं। तिवारी अभी भी आबकारी उपायुक्त हैं। इन दोनों अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय से निलंबित करने की सिफारिश की गई है। वहीं, मुख्य सचिव नरेश कुमार को उस समय तैनात रहे तीन सहायक आयुक्तों, तीन सेक्शन अधिकारियों व तीन डीलिंग हैंड कर्मचारियों को उपराज्यपाल ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं। सहायक आयुक्तों में केवल पंकज भटनागर ही इस समय आबकारी विभाग में हैं, अन्य दो का तबादला दूसरे विभागों में हो चुका है। बता दें कि इस नीति में सबसे खास बात यह थी कि शराब बेचने का काम पूरी तरह से निजी हाथों में दे दिया गया था। दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री के लिए बनाए गए 32 जोन से आबकारी नीति 2020-21 से डेढ़ गुना राजस्व बढऩे का दावा किया था। मगर एक साल पूरा होने से पहले नीति तहस-नहस हो चुकी है। शराब के कारोबार में उतरीं कंपनियां दिल्ली में काम करने से हाथ खड़े कर रही हैं। एक साल पूरा भी नहीं हुआ है कि 32 में से 19 जोन कंपनियां छोड़ कर चली गई हैं। अब एक सितंबर से दिल्ली सरकार अपने स्तर पर दिल्ली में शराब बेचेगी, जिसके लिए पहले चरण में 500 दुकानें खोली जाएंगी।
इन अधिकारियों को निलंबित करने की अनुशंसा:
आरव गोपी कृष्ण आईएएस-2012 बैच (पूर्व आबकारी आयुक्त)
आनंद कुमार तिवारी दानिक्स-2003 बैच ( आबकारी उपायुक्त)
पंकज भटनागर एडहॉक दानिक्स (सहायक आयुक्त)
नरिंदर सिंह एडहॉक दानिक्स (पूर्व सहायक आयुक्त)
नीरज गुप्ता एडहॉक दानिक्स ( पूर्व सहायक आयुक्त)
कुलजीत सिंह (सेक्शन ऑफीसर)
सुभाष रंजन (सेक्शन ऑफीसर)
सुमन (सेक्शन ऑफीसर)
सत्यव्रत भार्गव (डीलिंग हैंड)
सचिन सोलंकी (डीलिंग हैंड)
गौरव मान (डीलिंग हैंड)