दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव में 4 तारीख को वोटिंग होगी। दिल्ली वाले इस बार अपनी छोटी सरकार चुनने के लिए अलग-अलग मुद्दों को तरजीह दे रहे हैं। एनबीटी सर्वे में लोगों ने उन मुद्दों का जिक्र किया जिसके आधार पर वे अपना वोट देंगे। एनबीटी रीडर्स ने वाट्सऐप और गूगल फॉर्म के जरिये अपनी राय हम तक पहुंचाईं। जानें दिल्लीवाले किन मुद्दों पर वोट करने जा रहे हैं।
सफाई है सबसे बड़ा मुद्दा: सफाई के बाद दिल्ली के लोगों ने सड़कों और गलियों की हालत को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा माना। एनबीटी के सर्वे में 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कॉलोनियों की सड़कों और गलियों की हालत को देखते हुए एमसीडी चुनावों में वोट करेंगे। आउटर दिल्ली के ज्यादातर इलाकों के अलावा कृष्णा नगर, महरौली और मोती नगर जैसी बड़ी कॉलोनियों के लोगों ने भी सड़कों को अहम चुनावी मुद्दा बताया।
19% ने भ्रष्टाचार को बताया मुद्दा: सड़कों के ही बराबर ही अहमियत भ्रष्टाचार के मुद्दे को मिली। सर्वे के दौरान 19 प्रतिशत एनबीटी रीडर्स ने बताया कि वे एमसीडी चुनाव में जब वोट देने जाएंगे तो भ्रष्टाचार के मुद्दे को मन में रखेंगे। हैरानी की बात थी कि दिल्ली के लगभग सभी हिस्सों के लोगों ने भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा माना। ग्रेटर कैलाश जैसे पॉश इलाके में भी लोगों ने भ्रष्टाचार को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया। दिल्ली की कई अहम सड़कों पर आवारा मवेशियों की समस्या देखी जाती है। यह समस्या भी दिल्ली के वोटरों के लिए चुनावी मुद्दा है। हमारे सर्वे में 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे आवारा पशुओं से परेशान हैं और एमसीडी चुनाव में वोट देते वक्त इस मुद्दे को ध्यान में रखेंगे। हेल्थ को सबसे कम 4 प्रतिशत लोगों ने चुनावी मुद्दा माना।
बड़े बाजारों में सफाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे: दिल्ली में कई ऐसे एमसीडी वॉर्ड हैं, जहां बड़ी-बड़ी मार्केट्स भी हैं। एनबीटी के सर्वे में इन जगहों पर मिले रिस्पॉन्स में देखा गया कि लोग गंदगी से तो परेशान थे ही, वे भ्रष्टाचार को भी बड़ा मुद्दे मानते हैं। हमारे सर्वे में कृष्णा नगर की लाल क्वॉर्टर मार्केट, कमला नगर मार्केट, लाजपत नगर और जीके मार्केट से ढेरों लोगों के जवाब मिले। बड़े बाजारों वाले वॉर्डों में रहने वाले लगभग 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इन चुनावों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है।
आवारा जानवरों से परेशान पॉश सोसायटी वाले: आमतौर पर माना जाता है कि पॉश सोसायटी या फिर इन इलाकों के आसपास सब कुछ व्यवस्थित होता है, लेकिन हमारे सर्वे के नतीजे अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि सड़कों की खराब हालत के अलावा यहां वे आवारा पशुओं से काफी परेशान हैं। इसमें ईस्ट ऑफ कैलाश, रोहिणी के कुछ पॉश सेक्टर, राजौरी गार्डन और मालवीय नगर जैसे इलाके शामिल हैं। पॉश इलाकों वाले एमसीडी वॉर्डों के 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आवारा पशुओं के चलते सड़कों पर जाम लगता है।
खराब सड़कों को लेकर वोट देंगे गांव वाले:दिल्ली में एक बड़ा वोट बैंक गांवों का भी है। सभी राजनीतिक दल यहां के लिए स्पेशल मैनिफेस्टो बनाते हैं या फिर वादे करते हैं। एनबीटी के सर्वे में पता चला कि लोग यहां किन-किन समस्याओं से ज्यादा परेशान हैं। बिजवासन, महरौली गांव, पूठ कलां गांव, रजोकरी, पालम गांव, पल्ला गांव, मुंडका, नजफगढ़, छतरपुर एक्सटेंशन और आउटर दिल्ली के कई गांवों में लोग सिर्फ सफाई से ही नहीं, बल्कि शहरी दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कों से ज्यादा परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों वाले एमसीडी वॉर्डों के 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खराब सड़कों के चलते लोग गांव नहीं आना चाहते।