शायराना अंदाज में खड़गे ने दी वेकैंया नायडू को विदाई, 'आपके साथ से यह मंजर रौनक जैसा, बाद में मौसम बहुत सताएगा'
बड़ी खबर
दिल्ली। राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विभिन्न दलों के सदस्यों ने सभापति के तौर पर एम वेंकैया नायडू के कार्यकाल की सराहना करते हुए उन्हें विदाई दी। इस बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा अध्यक्ष और वीपी वेंकैया नायडू को विदाई देते हुए कहा कि हम दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग हो सकते हैं। मुझे आपसे कुछ शिकायतें भी हो सकती हैं, लेकिन यह उनके बारे में बात करने का समय नहीं है। आपने इतनी कठिनाई और दबाव में भी अपनी भूमिका निभाई, इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने एक कविता पढ़कर कहा कि आपके बाद क्या मौसम होगा और कैसा सताएगा मुझे मालूम नहीं।
अगर तलाश करूं तो कोई मिल जाएगा
मगर आपकी तरह कौन हमें मिलेगा
आपके साथ से यह मंजर रौनक जैसा है
आपके बाद में मौसम बहुत सताएगा
इतना ही नहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति एम. वेंकैया नायडू के विदाई भाषण में उनके साथ अपने रिश्तों को याद किया। उनके साथ मिलकर बनाए गए महत्वपूर्ण कानूनों की चर्चा की. फिर आखिरी में एक शायरी के साथ कहा, सदाओं को अल्फाज मिलने न पाएं न बादल घिरेंगे न बरसात होगी. मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी, किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने वेंकैया नायडू को विदाई देते हुए कहा कि वह देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया और सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहाकि आपने देश के लिए और सदन के लिए जो कुछ किया है, उसका ऋण स्वीकार करते हुए आपको भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बता दें कि कि जगदीप धनखड़ नायडू के बाद उपराष्ट्रपति पद ग्रहण करने वाले हैं।